LIC IPO Update: आईपीओ आने से पहले ही एलआईसी को लगा तगड़ा झटका! आपका जानना है बेहद जरूरी
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LIC IPO Update: आईपीओ आने से पहले ही एलआईसी को लगा तगड़ा झटका! आपका जानना है बेहद जरूरी

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की पॉलिसी बिक्री (policy Issuance) में कमी आई है और वहीं उसे ज्‍यादा डेथ क्‍लेम देने पड़े हैं. ऐसे में एलआईसी पर आर्थिक बोझ पड़ा है. एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) जल्‍द आने वाला है. आईपीओ से पहले ये आंकड़े उसके लिए अच्‍छे नहीं हैं.

 LIC IPO Update

नई दिल्ली: LIC IPO Update: देश के सबसे बड़े आईपीओ का इंतजार (LIC IPO Date) सभी को है. इस IPO के जरिए 31.6 करोड़ शेयर यानी 5% हिस्सा बेचा (LIC IPO Price) जाएगा. यह IPO पूरी तरह OFS होगा, इसमें नए शेयर जारी नहीं होंगे. इस मेगा आईपीओ में रिटेल निवेशकों का 35% तक होगा. लेकिन आईपीओ आने से पहले ही एलआईसी को तगड़ा झटका लगा है. जानकारी के अनुसार, कोविड-19 (COVID-19) महामारी की एलआईसी पर बुरा असर पड़ा है.

  1. एलआईसी आईपीओ देश के इतिहास का सबसे बड़ा IPO है
  2. इक्विटी में LIC का निवेश 10 लाख करोड़ रुपये है
  3. वर्तमान में LIC की एंबेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये है

एलआईसी को लगा तगड़ा झटका

एलआईसी ने जानकारी दी है कि कोविड-19 महामारी के कारण व्यक्तिगत और समूह पॉलिसियों (LIC Insurance Policy) की कुल संख्या में गिरावट आई है. इसके साथ ही महामारी के दौरान मृत्यु के बीमा दावों में भी बढ़ोतरी हुई है. वित्तीय वर्ष 2019, वित्तीय वर्ष 2020, वित्तीय वर्ष 2021 और 30 सितंबर, 2021 को समाप्त हुए छह महीनों के लिए मृत्यु बीमा दावों के लिए क्रमशः 17,128.84 करोड़ रुपये, 17,527.98 करोड़ रुपये, 23,926.89 करोड़ रुपये और 21,734.15 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है. यानी एलआईसी पर आर्थिक बोझ बढ़ा है. 

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पॉलिसी बिक्री में भी आई कमी

एलआईसी की तरफ से सेबी को दिए गए दस्तावेजों के अनुसार एलआईसी की पॉलिसी बिक्री में भी कमी आई है. व्‍यक्तिगत और समूह पॉलिसियां की बिक्री (LIC Policy Sale) वित्त वर्ष 2018-19 के 7.5 करोड़ से 16.76 फीसदी घटकर वित्त वर्ष 2019-20 में 6.24 करोड़ पर आ गई. वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 15.84 की गिरावट आई और यह आंकड़ा 5.25 करोड़ रह गया. कंपनी ने कहा है कि लॉकडाउन के चलते 2019-20 की चौथी तिमाही में व्यक्तिगत पॉलिसियों की बिक्री 22.66 फीसदी घटकर 63.5 लाख रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 82.1 लाख रही थी. इतना ही नहीं, इसका प्रभाव 2020-21 और 2021-22 की पहली तिमाहियों में भी नजर आया. इस दौरान यह क्रमश: 46.20 फीसदी घटकर 19.1 लाख और फिर 34.93 फीसदी घटकर 23.1 लाख रह गई.

देश का सबसे बड़ा आईपीओ

वर्तमान में LIC की एंबेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये है. वहीं इस वित्तीय वर्ष यानी FY21 तक न्यू बिजनेस प्रीमियम में मार्केट शेयर वैल्यू 66% रहा है. एलआईसी का बाजार बहुत मजबूत है. FY21 तक LIC के 13.5 लाख एजेंट्स भी हैं. वित्त वर्ष 21 तक LIC की कुल पॉलिसी 28.3 करोड़ रही है. अब बात करते हैं वैल्यूएशन की तो वैल्यूएशन के लिए एंबेडेड वैल्यू जरूरी है. कुल वैल्यूएशन बाद में RHP में दाखिल होगा. एलआईसी आईपीओ का मालिकाना हक और पूरी पूंजी सरकार के पास जाएगी न की कंपनी के पास. 

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जानिए किसे क्या और कितना मिलेगा?

एलआईसी आईपीओ में कर्मचारियों का रिजर्व कोटा अधिकतम 5% तक होगा. वहीं, एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स (LIC IPO Policy Registration) का रिजर्व कोटा अधिकतम 10% तक होगा. QIB के लिए अधिकतम 50% तक और QIB के हिस्से का अधिकतम 60% हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए होगा. 

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