पीएम मोदी की वापसी का स्टॉक मार्केट ने किया वेलकम, रिकॉर्ड हाई से फिसला सेंसेक्‍स
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पीएम मोदी की वापसी का स्टॉक मार्केट ने किया वेलकम, रिकॉर्ड हाई से फिसला सेंसेक्‍स

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के रुझान में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को मिली रिकॉर्ड बढ़त का भारतीय शेयर बाजार ने खुले मन से स्वागत किया.

पीएम मोदी की वापसी का स्टॉक मार्केट ने किया वेलकम, रिकॉर्ड हाई से फिसला सेंसेक्‍स

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के रुझान में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को मिली रिकॉर्ड बढ़त का भारतीय शेयर बाजार ने खुले मन से स्वागत किया. प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर चले गए. लेकिन दोपहर बाद कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई. बाजार बंद होते समय सेंसेक्स 298.82 अंक की गिरावट के साथ 38811.39 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स और निफ्टी ने छुआ रिकॉर्ड हाई
एक समय सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई 40,124.96 अंक पर पहुंच गया और निफ्टी 12000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया था. लेकिन बाजार बंद होते-होते सेंसेक्‍स में 0.76 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. दूसरी तरफ निफ्टी 80.85 अंक गिरकर 11657.05 पर बंद हुआ. निफ्टी 50 में 0.69 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. दोहपर 14.04 बजे बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र की क्लोजिंग से 8.85 अंक फिसलकर 39,101.36 पर आ गया.

12 हजार से पार गया सेंसेक्स
सेंसेक्स सुबह 481.56 अंकों की शानदार बढ़त के साथ 39,591.77 पर खुलने के बाद रिकॉर्ड 40,124.96 तक उछला. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी दोहपर बाद के कारोबार के दौरान 18.20 अंकों की बढ़त के साथ 11,756.10 पर बना हुआ था जबकि सुबह 163.4 अंकों की मजबूती के साथ 11,901.30 पर खुलने के बाद 12,041.15 तक उछला. कारोबार के दौरान निफ्टी का निचला स्तर 11,747.55 रहा.

जानकारों को उम्मीद है कि बीजेपी को बहुमत मिलने से आने वाले 10 दिन में सेंसेक्स 41,000 के आंकड़े को पार कर जाएगा. वहीं जानकारों को यह भी अनुमान है कि निफ्टी 12000 के स्तर को पार कर जाएगी. इस बारे में सीनियर एनालिस्ट अरुण केजरीवाल का कहना है कि मोदी सरकार के सत्ता में वापस आने से निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर बढ़ेगा. सरकार को अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए गठबंधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस धारणा से आने वाले समय में शेयर बाजार को मजबूती मिलेगी.

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