PAN-American Highway: 14 देशों से गुजरने वाला दुनिया का सबसे लंबा हाईवे, जहां रेगिस्‍तान से लेकर बर्फ तक, सब मिलेगा
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PAN-American Highway: 14 देशों से गुजरने वाला दुनिया का सबसे लंबा हाईवे, जहां रेगिस्‍तान से लेकर बर्फ तक, सब मिलेगा

Interesting Fact: आपने कई हाईवे (Highway) पर सफर किया होगा. कई घने जंगलों, पहाड़ों में आप गए होंगे. लेकिन आपने किसी ऐसे हाईवे के बारे में सुना है जो 14 देशों से होकर गुजरता है. इस हाईवे पर सफर करते समय आपको घने जंगल, रेगिस्तान और बर्फीले क्षेत्रों का भी सामना करना पड़ता है. जानिए इस हाईवे के बारे में जिसे 1929 की महामंदी के दौरान बनाया गया था. 

पैन-अमेरिकन हाईवे

Longest Highway in the World: ये हाईवे दुनिया (Longest Highway Of the World) का सबसे लंबा पैन-अमेरिकन हाईवे (Pan-American Highway) है. जो कई भौगोलिक क्षेत्रों से होकर गुजरता है. ये इतना ज्यादा लंबा है कि इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Record) में भी दर्ज हो चुका है. इस हाईवे से गुजरते समय घने जंगल, रेगिस्तान और बर्फीले क्षेत्रों से लेकर शुष्क मौसम तक सभी कुछ देखने को मिलता है. ये हाईवे अमेरिकी महाद्वीप में बना हुआ है. इसमें उत्‍तरी और दक्षिणी अमेरिका (North America - South America) दोनों कवर होते हैं. इतना लंबा हाईवे क्‍यों बनाया गया? इसके पीछे क्‍या वजहें रही. जानिए इस खबर में. 

महीनों लग जाते है दूरी तय करने में 

पहले के समय में ज्‍यादातर मध्य अमेरिकी देशों (Central American Countries) के बीच सड़कें नहीं थीं और जिस वजह से व्यापार भी बहुत कम होता था. इसी वजह से इस हाईवे को बनाया गया. इसका तीसरा चरण अभी पूरा नहीं हुआ है. इस हाईवे पर यात्रा करने के दौरान जंगलों, पहाड़ों, रेगिस्तान और ग्लेशियरों आदि से गुजरना पड़ता है. 30 हजार किलोमीटर लंबा हाईवे की दूरी तय करने में लोगों को कई महीने लग जाते हैं.  

इस हाईवे पर ड्राइव करना आसान नहीं 

पैन-अमेरिकन हाईवे पर ड्राइव करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है. इसकी मुख्‍य वजह यह है कि पूरे हाईवे में अलग-अलग परिस्थितियों और क्षेत्रों से होते हुए गुजरना पड़ता है. कहीं लंबा रेगिस्तान है तो कहीं घने जंगल. ऐसे में इन बदलती परिस्थितियों में इस हाईवे पर गाड़ी चलाना लोगों के लिए बहुत मुश्किल होता है. जंगलों में ड्राइविंग कभी-कभी खतरनाक भी हो जाती है. 

इन 14 देशों में है ये हाईवे

इस हाईवे को बनाने की परियोजना सबसे पहले 1889 में पैन-अमेनिकन सम्मेलन (Pan-American Conference) में बनी थी. उस समय इसे रेलमार्ग के रूप में प्रस्तावित किया गया था. कई समय तक इस पर चर्चा चलती रही और महामंदी के बाद के सालों में इन 14 देशों ने हाईवे बनाने के लिए सहमति दी. 29 जुलाई, 1937 को अर्जेंटीना , बोलीविया , चिली , कोलंबिया , कोस्टा रिका , अल सल्वाडोर , ग्वाटेमाला , होंडुरास , मैक्सिको , निकारागुआ , पनामा , पेरू , कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका ने हस्ताक्षर किए.  

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