महात्मा गांधी वैसे तो ज्यादातर पैदल ही चलते थे, लेकिन उन्होंने कार की सवारियां भी बहुत की हैं. जिसमें उस जमाने की लग्जरी कारें भी शामिल हैं.
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नई दिल्ली: एक लाठी और और सफेद धोती पहने हुए दुबला पतला सा व्यक्ति, जिसके विचारों की ताकत ने पूरी दुनिया को नई रौशनी दी. जो भी उनसे मिलता खुद को सम्मानित महसूस करता. बापू ने अपने आंदोलनों के दौरान कई यात्राएं की, देश के छोटे बड़े कस्बों में गए, दुनिया भर से बुलावे आए और वहां की बैठकों में भी शामिल हुए.
इस दौरान वो कभी पैदल चलते तो कभी महंगी महंगी कारों में जाते. उन्होंने जिन कारों में सफर किया वो इतिहास में अपनी जगह बना चुकी हैं. अक्सर वो कारें उनके किसी अनुयायी या दोस्त की होती थीं. हम आपको बताने जा रहे हैं वो कुछ चुनिंदा कारें जिनका इस्तेमाल बापू ने अपनी जिंदगी में किया.
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Ford Model T
ये वो कार है जिसने अमेरिका में क्रांति ला दी थी. ये अमेरिका में पहली कार मानी जाती है जो आम आदमी के लिए बनी थी, जिसे कोई सामान्य नौकरीशुदा आदमी खरीद सकता था. इतिहास बताता है कि इस कार की सवारी बापू ने भी कई मौकों पर की है. साल 1927 में उत्तर प्रदेश में बरेली सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद महात्मा गांधी ने Ford Model T की सवारी की थी. ऑटोमोबाइल के इतिहास में सबसे प्रतिष्ठित कारों में से एक है। यह कार विटेंज कार रैली में आज भी नजर आती है.
Ford Model A
1927 मॉडल की फोर्ड कन्वर्टिबल कार से महात्मा गांधी 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में भाग लेने रांची से गए थे. ये कार आज भी मौजूद है. फोर सीटर इस कन्वर्टिबल कार में चार सिलिंडर इंजन हैं. फोर्ड की इस कार को 1927 में रांची के राय साहब लक्ष्मी नारायण ने इंपोर्ट कराया था.
Packard 120
सफेद रंग की क्लासिक Packard 120 कार में अपने जमाने की मशहूर कार हुआ करती थी. बापू ने इस कार में भी सवारी की है. उस जमाने में भारत में इक्का दुक्का लोगों के पास ही ये कार हुआ करती थी. कहा जाता है कि गांधी जी के मित्र स्वतंत्रता सेनानी और बड़े कारोबारी घनश्याम दास बिड़ला के पास ये कार थी, जिसका इस्तेमाल बापू अक्सर किया करते थे. इसके अलावा लाला श्री राम जिन्होंने दिल्ली क्लॉथ एंड जनरल मिल्स की नींव रखी थी, उनके पास भी ये कार हुआ करती थी. महात्मा गांधी ने 1940 के दौरान इस कार का इस्तेमाल शुरू किया था.
Studebaker President
बापू ने स्टडबेकर प्रेसिडेंट की सवारी अपने कर्नाटक दौरे में की थी. बताया जाता है कि यह दौरा अपने समय का सबसे मशहूर दौरा रहा है. लेकिन इस कार का मालिक कौन था इसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. स्टडबेकर ने फर्स्ट जनरेशन कार को 1926 से 1933 के दौरान बनाया था. इस कार को 90 के दशक की सबसे पुरानी कारों में से एक माना जाता है.
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