भारत में FDI स्रोत के रूप में मॉरीशस फिर से पहले स्थान पर
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भारत में FDI स्रोत के रूप में मॉरीशस फिर से पहले स्थान पर

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में मॉरीशस 2014-15 में सिंगापुर को पीछे छोड़ते हुए फिर से शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के कुल एफडीआई प्रवाह में मारीशस का योगदान करीब 29 प्रतिशत रहा।

नयी दिल्ली : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में मॉरीशस 2014-15 में सिंगापुर को पीछे छोड़ते हुए फिर से शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के कुल एफडीआई प्रवाह में मारीशस का योगदान करीब 29 प्रतिशत रहा।

वित्त वर्ष 2013-14 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रमुख स्रोत के रूप में सिंगापुर ने मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया था। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में मॉरीशस के रास्ते 9.03 अरब डॉलर का एफडीआई आया। वहीं सिंगापुर से 6.74 अरब डॉलर का एफडीआई आया।

विशेषज्ञों के अनुसार कर संधि और सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) को दो साल के लिये टाले जाने से निवेशकों को भरोसा फिर से बढ़ा है। कारपोरेट लॉ फर्म शादरुल अमरचंद एंड मंगलदास में कर मामलों के प्रमुख तथा एफडीआई के विशेषज्ञ कृष्ण मल्होत्रा ने कहा, गार को टाले जाने से निवेशकों को भारत में निवेश बढ़ाने को लेकर विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस से एफडीआई प्रवाह घटने का कारण गार के प्रभाव को लेकर आशंका थी।

हालांकि सिंगापुर दूसरे स्थान पर आ गया है लेकिन वहां से विदेशी प्रवाह साल-दर-साल बढ़ रहा है। 2014-15 में एफडीआई प्रवाह 6.74 अरब डॉलर रहा जो 2006-07 के बाद से सर्वाधिक है।

निवेशकों द्वारा कर देने से बचने के मामलों में अंकुश लगाने के इरादे से लाये जा रहे सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम को दो साल के लिये टाल दिया गया है। सरकार का इसे एक अप्रैल 2015 से लागू करने का प्रस्ताव था।

भारत में मारीशस के रास्ते ‘राउंड ट्रिपिंग’ कर निवेश किये जाने की चिंता के बीच भारत-मारीशस दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) को संशोधित किया जा रहा है। हालांकि मारीशस कहता रहा है कि इस प्रकार के दुरपयोग का कोई ठोस सबूत नहीं है।

देश में कुल एफडीआई सालाना आधार पर 2014-15 में 27 प्रतिशत बढ़कर 30.93 अरब डॉलर रहा। जिन अन्य देशों से विदेशी प्रवाह बढ़ रहा है, उसमें जापान, नीदरलैंड, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस तथा संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

 

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