Digital Id: सरकार ने बयान जारी कर कहा कि पिछले एक दशक में एक अरब से ज्यादा भारतीयों ने प्रमाणिकता के लिए 100 अरब से अधिक मामलों में आधार कार्ड इस्तेमाल किया है. लोग आधार पर पूरी तरह भरोसा करते हैं.
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Aadhaar Digital ID: सरकार की तरफ से मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि भारत के आधार कार्ड (Aadhaar) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि आधार में गोपनीयता संबंधी चिंताएं हैं. इसके बाद भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री ने मूडीज की रिपोर्ट पर पलटवार किया है. आपको बता दें मूडीज की तरफ से 21 सितंबर को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि इनोवेशन के कारण नया है.
आरोपों को बेबुनियाद कहा गया
मूडीज की तरफ से रिपोर्ट में कहा गया कि आधार सिस्टम में खामियों के कारण इसका बॉयोमेट्रिक ऐसी जगह काम नहीं करता, जहां मौसम गर्म है. केंद्र सरकार की आईटी मिनिस्ट्री की तरफ से जारी बयान में इन आरोपों को बेबुनियाद कहा गया. सरकार ने बयान जारी कर कहा कि पिछले एक दशक में एक अरब से ज्यादा भारतीयों ने प्रमाणिकता के लिए 100 अरब से अधिक मामलों में आधार कार्ड इस्तेमाल किया है. लोग आधार पर पूरी तरह भरोसा करते हैं.
आधार के बारे में गलत दावे किये जा रहे
सरकार ने अपने बयान में कहा कि एक रिपोर्ट में दुनिया की सबसे विश्वसनीय डिजिटल आईडी आधार के बारे में गलत दावे किये जा रहे हैं. मूडीज की रिपोर्ट में डाटा या रिसर्च का हवाला दिये बिना ही आधार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया गया है. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि मूडीज की रिपोर्ट में आधार संख्या की जानकारी भी सही नहीं है. रिपोर्ट में अब तक जारी आधार की संख्या 1.2 बिलियन बताई गई है, जो कि गलत है.
मूडीज की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बायोमेट्रिक सिस्टम के कारण भारत में मजदूरों को सेवा से वंचित कर दिया जाता है. इसके लिए मनरेगा (MGNREGS) का संदर्भ दिया गया है. इस पर सरकार ने कहा कि रिपोर्ट लिखने वाले को यह पता नहीं कि मनरेगा के डाटाबेस में आधार की सीडिंग श्रमिकों को उनके बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल करके प्रमाणित करने की जरूरत के बिना की गई है. इस योजना में श्रमिकों की मजदूरी का पैसा सीधा उनके अकाउंट में जाता है.
आपको बता दें सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि आज तक आधार डाटाबेस में किसी तरह की खामी नहीं पाई गई है. इससे पहले आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक समेत कई एजेंसियां आधार की भूमिका की सराहना कर चुकी हैं. कुछ देश भी यह जानने की कोशिश में है कि वह इसी तरह का डिजिटल आईडी सिस्टम अपने देश में किस तरह से लागू करें.