सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि अगर आपने ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन नहीं किया है तो पेपर नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है.
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नई दिल्ली: नए मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act 2019) के लागू हो जाने के बाद अगर किसी का सामना ट्रैफिक पुलिस से हो जाए, तो हालत खराब होना तय है. सरकार ने फाइन में कई गुना की बढ़ोतरी की है. जब पुलिस आपको पकड़ती है और आपके साथ में वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट साथ में नहीं भी है तो घबराने की जरूरत नहीं है. ट्रैफिक पुलिस आपका चालान नहीं काट सकती है. इस आर्टिकल में आपको नियमों की जानकारी दे रहे हैं.
गाड़ी चलाते वक्त चार पेपर होना बहुत जरूरी है. ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट होना जरूरी है. अगर आप इसकी हार्ड कॉपी नहीं रखना चाहते हैं तो मोबाइल में डिजिटल कॉपी रख सकते हैं. ऐसे में अगर आप अपना DL घर भूल गए हैं और ट्रैफिक पुलिस आपको पकड़ती है तो डिजी लॉकर में रखी डिजीटल कॉपी को दिखाकर आप काम चला सकते हैं.
सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि अगर आपने ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन नहीं किया है तो पेपर नहीं होने पर ट्रैफिक पुलिस तत्काल उसका चालान नहीं काट सकती है. हालांकि, आपको कोर्ट या RTO ऑफिस का चक्कर जरूर लगाना होगा. 15 दिनों के भीतर आप जरूरी दस्तावेज दिखाकर चाला न से बच सकते हैं. अगर ट्रैफिक पुलिस चालान काट भी देती है तो कोर्ट में इसे खारिज कर दिया जाएगा.
बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाना हुआ मुश्किल, RTO से पहले ही आ जाएगा नोटिस
जानकारी के लिए बता दें कि चालान तीन तरीके का होता है. अगर ट्रैफिक पुलिस नियमों को तोड़ने के लिए पकड़ती है तो उसी वक्त चालान काट दिया जाता है. चालान के पैसे भी उसी वक्त जमा करने होते हैं. ऐसी परिस्थिति में चालान का रसीद लेना न भूलें. अगर आपके पास उस वक्त पैसे नहीं है तो ट्रैफिक पुलिस आपका लाइसेंस लेकर चालान दे देती है. हालांकि, बाद में आपको कोर्ट जाना होगा. कोर्ट में जुर्माना भरकर आप अपना लाइसेंस वापस ले सकते हैं.
घर पर भी भेजा जा सकता है चालान
अगर कोई ट्रैफिक नियमों को तोड़कर भाग जाता है और पुलिस गाड़ी नंबर नोट कर लेती है तो उसके आधार पर चालान घर भी भिजवाई जा सकती है. नोटिस चालान में आरोपी के पास एक महीने का वक्त होता है. जुर्माना स्थानीय ट्रैफिक पुलिस ऑफिस में जमा करवाया जा सकता है. एक महीने के बाद चालान कोर्ट भेज दिया जाता है.
कुछ मामलों का केवल कोर्ट से निपटारा
कुछ चालान कानून को तोड़ने की स्थिति में काटे जाते हैं. मसलन ड्रंक एंड ड्राइव के मामले में कोर्ट का चालान काटा जाता है. इस मामले में जुर्माना के अलावा सजा का भी प्रावधान होता है. इस चालान को उसी समय या स्थानीय ट्रैफिक पुलिस ऑफिस में नहीं जमा करवाया जा सकता है. चालान भरने के लिए कोर्ट जाना होगा.
जब्त हो सकती है गाड़ी
ट्रैफिक पुलिस के पास गाड़ी को जब्त करने का भी अधिकार है. लावारिस हालत में गाड़ी खड़ी करने पर, जहां पार्किंग न हो और वहां पार्किंग करने पर, डॉक्यूमेंट नहीं होने पर, ऐसी स्थितियों में ट्रैफिक पुलिस गाड़ी जब्त भी कर सकती है.
सभी पुलिसकर्मी नहीं काट सकते हैं चालान
ट्रैफिक कांस्टेबल को फाइन करने का अधिकार नहीं है. फाइन काटने का अधिकार केवल ZO को है. हेड कांस्टेबल 100 रुपये तक फाइन वसूल कर सकता है. ASI, SI 100 रुपये से ज्यादा का फाइल वसूल सकते हैं. कोई भी ट्रैफिक अधिकारी जब तक वर्दी में न हो और उसपर नेम प्लेट न हो, वह आपका फाइन नहीं कर सकता है. अगर वह ऐसा करता है तो आप उसका विरोध कर सकते हैं.
1 सितंबर से संसोधित जुर्माना राशि
बिना इंश्योरेंस- 2000
बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर- 5000
बिना हेलमेट- 1000
बिना सीट बेल्ट- 1000
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर- 10,000
वाहन चलाने के दौरान मोबाइल से बात करने पर- 5000
ओवर स्पीड पर- 2000
बिना परमिट गाड़ी चलाने पर- 10,000
तेज़ रफ्तार- 2000
बाइक पर दो से ज़्यादा सवारी- 2000
रॉन्ग पार्किंग- 300