आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे MSME के लिये सबऑर्डिनेट ऋण योजना के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिये जाने का काम जारी है.
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नई दिल्ली: किसी भी कारोबार को शुरू करने के लिए लोन की जरूरत होना लाजमी है. लेकिन बैंक लोन बिना गारंटी मिलना अपने आप में एक बड़ी चुनौती रही है. पर अब आपको गारंटी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार एक सबऑर्डिनेट ऋण योजना बना रही है जिसके तहत बिना गारंटी आपको लाखों रुपये का लोन बड़ी आसानी से मिल जाएगा. सबऑर्डिनेट ऋण वैसे असुरक्षित यानी बिना गारंटी वाले कर्ज को कहा जाता है.
20 हजार करोड़ रुपये की है योजना
सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को सबऑर्डिनेट ऋण प्रदान करने की 20 हजार करोड़ रुपये की योजना के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे रही है. अतिरिक्त सचिव एवं विकास आयुक्त (Micro, Small & Medium Enterprises) देवेंद्र कुमार सिंह ने डुन एंड ब्रैडशीट इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा कि आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिये सबऑर्डिनेट ऋण योजना के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिये जाने का काम जारी है. इससे पहले एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एक जून को मंत्रिमंडल द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान को मंजूरी देने से दो लाख एमएसएमई इकाइयों को लाभ होगा.
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आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना से MSME को मिल रहा फायदा
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि बैंकों ने अबतक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये 3 लाख करोड़ रुपये के आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 75,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. एक जून से शुरू शत प्रतिशत गारंटी वाली इस योजना के तहत अबतक 32,894.86 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं.
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