चाहे पाताल में छिप जाए लेकिन नहीं बचेगा मणिपुर का 'टाइगर', मासूमों का घर जलाने वाले की कमर तोड़ेगी NIA
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चाहे पाताल में छिप जाए लेकिन नहीं बचेगा मणिपुर का 'टाइगर', मासूमों का घर जलाने वाले की कमर तोड़ेगी NIA

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में मासूमों के घर जलाने वाला और सीआरपीएफ पर हमले करने वाले KNF-P के 'टाइगर' को दबोचने की तैयारी हो चुकी है. हाल ही में NIA ने इस संबंध में अदालत के अंदर कुछ सबूत भी पेश किए हैं. जिसके बाद कोर्ट ने एक्शन लेने की इजाजत दे दी है. 

चाहे पाताल में छिप जाए लेकिन नहीं बचेगा मणिपुर का 'टाइगर', मासूमों का घर जलाने वाले की कमर तोड़ेगी NIA

मणिपुर में एक संदिग्ध कुकी उग्रवादी कमांडर के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने जो सबूत अदालत में पेश किए, उन्हें NIA की स्पेशल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. एनआईए ने अदालत को बताया को कुकी नेशनल फ्रंट-पी (KNF-P) के कमांडर 'टाइगर' के बारे में बताया. टाइगर वीडियो में दावा कर रहा है कि उसने और उसके साथियों ने सीआरपीएफ (CRPF) पर हमला किया और घरों को भी आग लगाई. इस वीडियो को एनआईए ने गवाहों की मौजूदगी में डाउनलोड कर एक पेन ड्राइव में अदालत के सामने पेश किया है. अदालत ने इसे स्वीकार कर जांच के लिए एनआईए को वापस सौंप दिया.

क्या है मणिपुर का KNF-P?

KNF-P संगठन को पहले KNF के नाम से जाना जाता था. KNF-P ने 1994 में विभाजन के बाद से 'प्रेसिडेंट' का नाम अपनाया. यह संगठन मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन्स (SoO) समझौते का हिस्सा भी है. यह समझौता फरवरी 2023 में समाप्त हो गया था. इस समझौते के तहत उग्रवादी अपने हथियारों को लॉक में रखकर नामित कैंपों में रहते हैं, लेकिन मणिपुर सरकार ने आरोप लगाया है कि SoO समझौते में शामिल उग्रवादी मणिपुर की हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं. 

250 से ज्यादा लोगों की मौत

मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. सामान्य कैटेगरी में आने वाली मेइती समुदाय अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मांग रहे हैं. दूसरी तरफ कुकी समुदाय मणिपुर से अलग प्रशासन की मांग कर रहा है. कुकी समुदाय पहाड़ी इलाकों में रहता है और म्यांमार व मिजोरम के चिन समुदाय से जातीय संबंध रखता है. इसी विवाद को लेकर चल रहे जातीय संघर्ष में अब तक 250 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई है. इसके अलावा 50 हजार से ज्यादा लोग हिंसा की वजह से अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. 

मणिपुर के ताजा हालात

11 नवंबर को हुई हिंसा में जिरीबाम जिले में मेइती समुदाय के 6 लोगों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. इसके कुछ ही घंटों बाद सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए. इसी दिन इंफाल वेस्ट जिले में पहाड़ियों से गोलीबारी हुई, जिसमें दो अन्य लोग घायल हो गए. इन घटनाओं ने मणिपुर में तनाव को और बढ़ा दिया है. सुरक्षा बल अब पहाड़ियों में बने बंकरों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुकी समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और मणिपुर सरकार इस मुद्दे पर केंद्र से कड़े कदम उठाने की मांग कर रही है.

मुख्यमंत्री ने लोगों से मांगी माफी

इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टिया केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर लगातार सवाल उठा रही हैं. संसद से लेकर सड़कों तक विपक्ष ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है. इसी बीच हाल ही में मणिपुर के मुख्यंत्री बीरेन सिंह लंबे समय से चली आ रही हिंसा को लेकर लोगों से माफी मांगी है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उन्हें 'अफसोस' है और 'राज्य के लोगों से माफ़ी मांगना चाहते हैं.' उन्होंने कहा,'मैं राज्य में जो कुछ हुआ उसके लिए माफ़ी मांगना चाहता हूं. कई लोगों ने अपने प्यारों को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. मुझे खेद है और माफ़ी मांगना चाहता हूं.' 

लोगों की शांति की अपील

मुख्यमंत्री ने आगे कहा,'पिछले तीन-चार महीनों में अपेक्षाकृत शांति देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि आने वाले साल में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी.' बीरेन सिंह आगे कहते हैं,'जो कुछ भी हुआ सो हुआ... मैं सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं कि वे अपनी पिछली गलतियों को माफ़ करें और भूल जाएं और एक शांतिपूर्ण व खुशहाल मणिपुर में एक साथ रहकर नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करें.'

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