प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन फैसलों से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा.
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नई दिल्लीछ: भारतीय अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 32 बड़े फैसले लिए. देश के उद्योगपतियों और हर सेक्टर के लोगों ने इन फैसलों की तारीफ की है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक मंदी से लड़ने के लिए कदम उठाने पर प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा, मांग बढ़ेगी और कर्ज किफायती होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, "वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित कदमों से ईज ऑफ डुइंग बिजनेस बढ़ेगा, मांग में तेजी आएगी, कर्ज आसानी से मिलेगा और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा." सीतारमण ने इस ट्वीट के जवाब में धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया, "धन्यवाद प्रधानमंत्री कार्यालय आपके निर्देश और समर्थन के लिए शुक्रिया."
गृहमंत्री अमित शाह ने भी घोषणाओं की प्रशंसा की, "इन कदमों से पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्टार्टअप इकोसिस्टम की मदद होगी, जीएसटी रिफंड में तेजी आएगी और कर संबंधी मुद्दों का तेजी से समाधान होगा. मैं इन प्रगतिशील कदमों के लिए प्रधानमंत्री जी को बधाई देता हूं." गृहमंत्री ने कहा, "विकास मोदी सरकार की प्राथमिकता है. वैश्विक मंदी के बावजूद देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है. वित्तमंत्री द्वारा घोषित कदम ईज ऑफ डुइंग बिजनेस, एमएसएमई को आसानी से कर्ज दिलाने और लोगों के हाथ में ज्यादा धन प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं."
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए. जैसे लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए बैंकों को 70000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे. इसके अलावा FPI पर सरचार्ज बढ़ाने के फैसले को वापस ले लिया गया. हालांकि, सुपर रिच लोगों को फिलहाल राहत नहीं है. CSR बजट खर्च नहीं करने पर अब इसे क्रिमिनल ऑफेंस नहीं माना जाएगा. DPIIT में रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स पर एंजेल टैक्स नहीं लगेगा. बैंकों को होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन को रेपो रेट से जोड़ने को कहा गया है. इससे उन्हें रेट कट का सीधा फायदा मिलेगा. MSME सेक्टर को राहत देते हुए 30 दिनों के भीतर GST रिफंड करने को कहा गया है. भविष्य में सभी GST रीफंड 60 दिन में ही निपटाने होंगे. एक MSMEs परिभाषा के लिए कानून में बदलाव करेंगे. रीफंड प्रोसेस की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा.
सरकार के इस फैसले से देश में आएगी निवेशकों की बाढ़, अर्थव्यवस्था पकड़ेगी रफ्तार
मंदी का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर दिख रहा है. लाखों लोग इस सेक्टर में बेरोजगार हो चुके हैं और लाखों लोगों के रोजगार जाने का खतरा मंडरा रहा है. यह एक अकेला सेक्टर है जिसमें 3 करोड़ से ज्यादा रोजगार हैं. इस सेक्टर को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने रजिस्ट्रेशन चार्ज में बढ़ोतरी को फिलहाल के लिए टाल दिया है. सरकारी विभागों को कहा गया है कि वह नई गाड़ियां खरीदे. साथ ही मार्च 2020 तक खरीदी गईं BS-IV गाड़िया वैध रहेंगी.