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मुंबई: इन्वेस्को मामले में ZEE को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के निर्देश के बाद अब ज़ी एंटरटेनमेंट को जवाब दाखिल करने के लिए 22 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. इससे पहले NCLAT ने गुरुवार को ZEEL की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा था कि जवाब दाखिल करने के लिए NCLT ने ZEEL को पर्याप्त समय नहीं दिया गया है. ऐसा करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. इसलिए ज़ी एंटरटेनमेंट को अपना जवाब दाखिल कराने के लिए वक्त देना चाहिए.
ZEEL ने बुधवार को ही NCLAT में इन्वेस्को के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी. ज़ी ने ग्लोबल चाइना फंड LLC और इन्वेस्को के नोटिस को गैरकानूनी बताते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में एक मुकदमा भी दायर किया था. आरोप है कि इन्वेस्को गलत तरीके से कंपनी पर टेकओवर करने के लिए बोर्ड पर लगातार EGM बुलाने का दबाव बना रहा है. इस पर NCLAT ने ZEEL के हक में फैसला सुनाते हुए NCLT के निर्देश दिया था कि ज़ी एंटरटेनमेंट को जवाब के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
Zee Entertainment की EGM को लेकर लगातार चर्चा है. कंपनी का कहना है कि यह बोर्ड तय करेगा कि EGM कब बुलानी चाहिए. बोर्ड तय वक्त पर ही EGM बुलाएगा. वहीं, इन्वेस्को चाहता था कि बोर्ड जल्द EGM बुलाए और उसके प्रस्तावित नामों को शामिल किया जाए. बता दें, इन्वेस्को ने बोर्ड में बदलाव के लिए 6 नामों का प्रस्ताव दिया है. लेकिन, इन सभी 6 नामों का इंडस्ट्री में कोई अनुभव नहीं है. इन्वेस्को ने अभी तक ये भी साफ नहीं किया है कि वो किस आधार पर बोर्ड में बदलाव चाहता है और मैनेजमेंट किसके हाथ में देगा. कंपनी कानून के मुताबिक, शेयरहोल्डरों की तरफ से डिमांड मिलने पर 21 दिनों के अंदर कंपनी EGM बुलाई जाती है.
फिलहाल, ज़ी एंटरटेनमेंट का पक्ष मजबूत दिखाई देता है. क्योंकि, ZEE-Sony पिक्चर्स की डील सबके सामने है. 22 सितंबर को इसके मर्जर का ऐलान किया गया था. लेकिन, इन्वेस्को इस डील में अड़ंगा लगाने के लिए बोर्ड में बदलाव चाहता है. ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रवक्ता का कहना है, 'कंपनी अपने सभी शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में काम कर रही है और लागू कानून के मुताबिक सभी जरूरी कदम उठाना जारी रखेगी.'
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) ने बुधवार को ज़ी न्यूज के खास शो DNA में इन्वेस्को की नीयत पर सवाल उठाए थे. साथ ही देश से अपील की थी कि कुछ विदेशी कंपनियां भारत के पहले राष्ट्रवादी चैनल को गैरकानूनी तरीके से हथियाने की कोशिश कर रही हैं. ये 150 करोड़ दर्शकों का ZEE TV है. इस पर कब्जा करने की मंशा को कामयाब नहीं होने देना है. इस पर देश से बड़ा सपोर्ट ZEE Entertainment को मिला है. ट्विटर पर लगातार यही चर्चा हो रही है कि #DeshKaZee विदेशियों के हाथ में जाने नहीं देना है. आम जनता से लेकर बॉलीवुड की बड़ी हस्तियां भी ZEE Entertainment के सपोर्ट में उतर आई हैं.
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