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नई दिल्ली: New Wage Code/ Provident Fund: नए वेतनमान के नियम (The New Wage Code) की चर्चा इन दिनों तेजी से है. मीडिया रिपोर्ट्स में लागतार इसे लेकर बहुत कुछ लिखा और कहा गया, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में अबतक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. हालांकि सबसे बड़ी बात ये है कि जब भी नया वेज कोड लागू होगा निजी सेक्टर में काम करने वालों के लिए बड़ी रहात (New Wage Code Update) की बात होगी.
नए वेज कोड में कहा गया है कि कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी CTC के 50 परसेंट से कम नहीं होगी. इसका असर कर्मचारी के EPF (Employees Provident Fund) की रकम पर भी होगा. कर्मचारी और कंपनी हर महीने बेसिक सैलरी का 12-12 परसेंट योगदान PF में देंगे.
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EPFO नियमों के मुताबिक अगर आप PF का पूरा पैसा निकालते हैं तो उस पर टैक्स नहीं लगता है. इसलिए नया वेज कोड लागू होने के बाद जब बेसिक सैलरी 50 परसेंट से ऊपर होगी और उस पर PF योगदान कटेगा तो PF फंड भी ज्यादा होगा. यानी जब कर्मचारी रिटायर होगा तब उसके पास पहले के मुकाबले ज्यादा PF बैलेंस होगा. आइए एक उदाहरण से समझते हैं इसका कैलकुलेशन.
मान लीजिए आपकी उम्र 35 साल है, और आपकी सैलरी 60,000 रुपये महीना है. इस केस में अगर आपका 10 परसेंट का सालाना इंक्रीमेंट मान लिया जाए तो मौजूदा PF की ब्याज दर 8.5 परसेंट पर रिटायरमेंट की उम्र तक यानी 25 साल बाद आपका कुल PF बैलेंस 1,16,23,849 रुपये होगा.
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वहीं, जब मौजूदा EPF योगदान से इसकी PF बैलेंस की तुलना करते हैं, तो रिटायरमेंट के बाद PF बैलेंस की रकम 69,74,309 रुपये होती है. यानी नए वेज रूल से PF बैलेंस पुराने फंड से कम से कम 66 परसेंट ज्यादा होगा. यानी अगर नया वेज कोड लागू होता है तो आप करोड़पति बन कर रिटायर होंगे.
नए वेज कोड के मुताबिक कर्मचारियों की ग्रेच्युटी में भी बदलाव होगा. ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन अब बड़े बेस पर होगी, जिसमें बेसिक पे के साथ साथ दूसरे भत्तों जैसे ट्रैवल, स्पेशल भत्ता वगैरह शामिल हैं. ये सबकुछ कंपनी की ग्रेच्युटी खाते में जुड़ेगा.