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एम्स्टर्डमः शॉपिंग करने से लेकर रेस्टोरेंट में खाना खाने, मूवी देखने के लिए लोगों को कैश, कार्ड या पेमेंट गेटवे के जरिए भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में इन चीजों को संभालने की जरूरत होती है. वहीं, अब एक ऐसी टेक्नोलॉजी आ गई है, जिसके जरिए आसानी से पेमेंट किया जा सकता है. इसके तहत हाथों में एक माइक्रोचिप इम्प्लांट (Microchip Implants) किया जाता है. पेमेंट करते समय हथेली को कार्ड रीडर (Card Reader) के पास रखने पर तुरंत भुगतान हो जाता है.
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, 37 साल के पैट्रिक पॉमेन नीदरलैंड (Netherlands) में सुरक्षा गार्ड हैं. वह जब भी किसी दुकान या रेस्तरां में भुगतान करते हैं तो लोग देखते रह जाते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि पॉमेन को भुगतान करने के लिए बैंक कार्ड या अपने मोबाइल फोन के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होती है. इसकी बजाय, वे बस अपने बायां हाथ को कार्ड रीडर (Card Reader) के पास रखते हैं और पेमेंट हो जाता है.
इसके लिए पॉमेन ने 2019 में हाथों में कांटेक्टलेस पेमेंट (Contactless Payment) माइक्रोचिप (Microchip) इंजेक्ट कराया था. वह कहते हैं कि इस प्रक्रिया में उतना ही दर्द होता है, जितना कि जब कोई आपकी त्वचा पर चुटकी लेता है. ब्रिटिश-पोलिश फर्म, वॉलेटमोर का कहना है कि उन्होंने पिछले साल यह चिप बाजार में उतारा था और इसकी बिक्री करने वाली वह पहली कंपनी बन गई है.
कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी वोजटेक पप्रोटा कहते हैं कि जहां भी कांटेक्टलेस पेमेंट (Contactless Payment) स्वीकार किए जाते हैं, वहां इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस चिप का वजन 1 ग्राम से भी कम होता है और चावल के दाने से थोड़ा बड़ा होता है. पप्रोटा कहते हैं कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है और प्रत्यारोपण (Transplant) के तुरंत बाद काम करने लगता है. इसके लिए बैटरी या किसी अन्य स्रोत की भी आवश्यकता नहीं होती है. फर्म का कहना है कि वह अब तक 500 से अधिक चिप्स बेच चुकी है.
कई लोग शरीर में ऐसी चिप लगाने के विचार से ही डरते हैं, लेकिन साल 2021 में यूके (UK) और यूरोपीय संघ (European Union) में 4 हजार से अधिक लोगों पर सर्वे किया गया तो पता चला कि उनमें से 51% लोग इस चिप को लगाने पर विचार कर रहे हैं. पॉमेन कहते हैं कि चिप प्रत्यारोपण में उसी तरह की तकनीक होती है, जिसका उपयोग लोग दैनिक आधार पर करते हैं. RFID चिप्स का उपयोग पालतू जानवरों के खो जाने पर, उनको ढूंढने के लिए भी किया जाता है.
विशेषज्ञ थियोडोरा लाउ कहती हैं कि प्रत्यारोपित भुगतान चिप्स 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' (Internet of Things) का विस्तार है. यह डेटा को जोड़ने और आदान-प्रदान करने का एक और नया तरीका है. इससे पेमेंट करना जल्दी और आसान हो जाएगा. वह कहती हैं कि जिन लोगों को पर्सनल लाइफ से प्यार नहीं है, उनके लिए यह नए रास्ते खोलता है. विनचेस्टर यूनिवर्सिटी (Winchester University) में सीनियर लैक्चरर स्टीवन नॉर्थम का कहना है कि चिंताएं अनुचित हैं. वह यूके की फर्म बायोटेक के संस्थापक हैं, जो 2017 से प्रत्यारोपित और कांटेक्टलेस चिप्स बना रही है.
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