NPCI: पिछले दिनों एनएचएआई (NHAI) की तरफ से फास्टैग को विंडशील्ड पर लगाना जरूरी कर दिया गया था. अब एनपीसीआई (NPCI) ने भी इससे जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है. इन नियमों को जानना आपके लिए जरूरी है.
Trending Photos
FASTag Rules: अगर आपके पास भी कार है और आप अक्सर हाइवे पर सफर करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. अगर आपने आज से बदलाव हुए नियमों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको हाइवे पर कभी भी प्रॉब्लम हो सकती है. 1 अगस्त से फास्टैग यूजर्स (FASTag Users) के लिए नए नियम लागू हो गए हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने केवाईसी (KYC) से जुड़े नए नियम जारी किये हैं.
31 अक्टूबर तक केवाईसी डिटेल को पूरा करना जरूरी
नए नियमों के अनुसार जिन कंपनियों ने 3-5 साल पहले फास्टैग जारी किए थे, उन्हें सभी फास्टैग की केवाईसी से जुड़ी डिटेल 31 अक्टूबर तक पूरी करनी होगी. इसका मतलब यह साफ है कि सर्विस में रुकावट से बचने के लिए अपनी केवाईसी अपडेट करना जरूरी है. इसके अलावा पांच साल से पुराने फास्टैग को भी बदलना होगा. इसलिए ऐसे लोग जिनका पुराना वाहन है और उनकी कार पर पुराना फास्टैग लगा है. उन्हें भी इसका ध्यान रखना होगा.
यह भी पढ़ें: Fastag, LPG सिलेंडर, Google मैप तक सब कुछ बदल गया, जानिए आज से क्या-क्या बदलाव हुआ?
रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर लिंक कराना जरूरी
सभी फास्टैग को वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है. इस नियम के बाद नए व्हीकल खरीदने वाले को 90 दिन के अंदर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना होगा. फास्टैग देने वाली कंपनियों को व्हीकल की पहचान आसान करने के लिए कार के आगे और साइड की साफ फोटो भी अपलोड करनी होंगी.
ऐसे लोगों को देना होगा दोगुना टोल
फास्टैग को एक मोबाइल नंबर से भी जोड़ा जाना चाहिए ताकि आसानी से कम्युनिकेशन हो सके और अपडेट मिलते रहें. फास्टैग से जुड़े सभी केवाईसी नियमों को पूरा करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2024 है. इससे पहले खबर आई थी कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कार की विंडस्क्रीन पर जानबूझकर फास्टैग नहीं लगाने वालों के लिए कठोर कदम उठाया है.
यह भी पढ़ें: सुबह-सुबह आम आदमी को एक और झटका, महंगा हो गया गैस सिलेंडर; चेक करें कितने बढ़े रेट
इसके तहत एनएचएआई (NHAI) ने ऐसे लोगों पर सख्ती बढ़ा दी है जो जानकर अपने व्हीकल की विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते हैं. जिनकी विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं होगा, उन्हें अब दोगुना टोल टैक्स देना होगा. इतना ही नहीं बार-बार फास्टैग नियमों का उल्लंघन करने वालों को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है.