Pension Scheme: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिसंबर 2021 में कहा था कि ओपीएस में वापस आने से 1.1 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे विकास और बुनियादी ढांचे के कार्यों पर असर पड़ेगा. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल ओपीएस में वापसी से इनकार किया है.
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Old Pension Scheme: इन दिनों पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं. कई राज्य पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर चुके हैं. इस बीच दूसरे राज्यों में भी पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किए जाने की लोग मांग कर रहे हैं. अब ऐसी ही मांग महाराष्ट्र में भी की जा रही है, जहां सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करने की मांग कर रहे हैं. महाराष्ट्र में सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने की मांग बढ़ती जा रही है. वहीं साल 2005 में महाराष्ट्र में तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने ओपीएस को नई पेंशन योजना (NPS) से बदल दिया था.
पुरानी पेंशन योजना
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिसंबर 2021 में कहा था कि ओपीएस में वापस आने से 1.1 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे विकास और बुनियादी ढांचे के कार्यों पर असर पड़ेगा. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने फिलहाल ओपीएस में वापसी से इनकार किया है. हालांकि अब सूत्रों का कहना है कि सरकार इस पर कोई बीच का रास्ता अपना सकती है. वहीं फडणवीस का कहना है कि वो ओपीएस को लेकर नेगिटिव नहीं हैं, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी ओपीएस पर लौटने का समर्थन किया था.
पेंशन योजना
बता दें कि ओपीएस के तहत कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50 प्रतिशत मूल और महंगाई भत्ता (DA) पेंशन के रूप में मिलता है. मृत्यु पर उनके पार्टनर को पेंशन के रूप में इसका 30 प्रतिशत मिलता है. इसके विपरीत एनपीएस के तहत कर्मचारी हर महीने अपने वेतन से 10 प्रतिशत का योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत देती है. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार में 1.7 मिलियन कर्मचारी हैं, जिनमें सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी और सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी शामिल हैं. इसमें 6,00,000 पेंशनभोगी हैं. हर साल करीब 3 फीसदी कर्मचारी रिटायर होते हैं.
पेंशन
Superannuation पर कर्मचारी को वार्षिकी के रूप में राशि का 40 प्रतिशत और इस संचित कोष का 60 प्रतिशत एकमुश्त राशि के रूप में मिलता है. ओपीएस के तहत कर्मचारियों के जरिए रिटायरमेंट के बाद प्राप्त होने वाली पेंशन में उनके वेतन से कोई योगदान नहीं होता है. कर्मचारी संघों का कहना है कि ओपीएस के विपरीत एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारियों को पेंशन के रूप में मिलने वाली मासिक राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
नई पेंशन योजना
राज्य वित्त विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनपीएस एक बाजार से जुड़ी योजना है और कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर उनके लिए अधिक लाभकारी साबित हो सकती है. ओपीएस राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ाएगा और विकासात्मक कार्यों के लिए धन कम करेगा. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शासन के तहत राज्य सरकार की राजकोषीय गुंजाइश और संसाधन जुटाने की क्षमता पहले ही सिकुड़ गई है.
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