PACL रिफंड को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, निवेशकों को वापस मिले 920 करोड़ रुपये, चेक करें आपको मिला पैसा या नहीं...
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PACL रिफंड को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, निवेशकों को वापस मिले 920 करोड़ रुपये, चेक करें आपको मिला पैसा या नहीं...

PACL Chit Fund Refund Update: अगर आपका या फिर आपके किसी भी जानने का पैसा पीएसीएल में फंसा हुआ है तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है. 19 लाख से ज्यादा निवेशकों के लिए अच्छी खबर आ गई है.

PACL रिफंड को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, निवेशकों को वापस मिले 920 करोड़ रुपये, चेक करें आपको मिला पैसा या नहीं...

PACL Chit Fund Refund Update: अगर आपका या फिर आपके किसी भी जानने का पैसा पीएसीएल में फंसा हुआ है तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है. 19 लाख से ज्यादा निवेशकों के लिए अच्छी खबर आ गई है. PCAL Limited के 19 लाख से अधिक निवेशकों को 920 करोड़ रुपये वापस किये गये हैं. इन निवेशकों का कंपनी के ऊपर 17,000 करोड़ रुपये का दावा है. बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को यह जानकारी दी है. 

60,000 करोड़ रुपये जुटाए
कंपनी ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से पैसा जुटाया था. अवैध रूप से सामूहिक निवेश योजना के अंतर्गत 18 साल के दौरान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाये गए थे. सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति ने पीएसीएल के निवेशकों के लिये चरणबद्ध तरीके से निवेश राशि वापस करने की प्रक्रिया शुरू की थी.

SEBI ने दी जानकारी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की वेबसाइट के मुताबिक, ‘‘अबतक समिति ने सफलतापूर्वक 19,61,690 आवेदनकर्ताओं को 919.91 करोड़ लौटाये हैं. इनका बकाया (मूल राशि) 17,000 करोड़ रुपये तक है. समिति ने फरवरी में निवेशकों से पीएसीएल से प्राप्त मूल प्रमाणपत्र देने को कहा था ताकि उनका पैसा सत्यापन के बाद वापस किया जा सके. मूल प्रमाणपत्र स्वीकार करने की तिथि 27 फरवरी से 20 मार्च, 2023 थी.

क्या है कंपनी का कारोबार?
पर्ल ग्रुप (Pearl Group) के नाम से भी जानी जाने वाली पीएसीएल ने कृषि और रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर धन जुटाया था. सेबी ने पाया था कि कंपनी ने 18 साल की अवधि में एक गैरकानूनी सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) के जरिये 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी. बाजार नियामक ने दिसंबर, 2015 को पीएसीएल और उसके नौ प्रवर्तकों समेत निदेशकों की सभी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था, जो कि निवेशकों के पैसे वापस करने में विफल रहे थे.

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