Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीजल आएगा जीएसटी दायरे में? GST काउंसिल ने दी अहम जानकारी
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Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीजल आएगा जीएसटी दायरे में? GST काउंसिल ने दी अहम जानकारी

GST on Petrol and Diesel- पेट्रोल-डीजल को लगातार जीएसटी दायरे में लाने के मुद्दे पर लगतर चर्चा चल रही है. लेकिन, अब तक राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है. आइए जानते हैं इस पर ताजा अपडेट. 

GST On Petrol-Diesel Price

नई दिल्ली: GST on Petrol and Diesel: बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को राहत मिल सकती है. पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price) की बढ़ती कीमत ने महंगाई को और बढ़ा दिया है. अगर जीएसटी दायरे में  पेट्रोल-डीजल आता है तब इसकी कीमत एक झटके में 20-25 रुपये प्रति लीटर तक कम हो जाएंगी. लेकिन, अब तक राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है.

  1. पेट्रोल-डीजल की कीमत हो सकती है सस्ती?
  2. क्या फ्यूल आएगा जीएसटी दायरे में?
  3. GST काउंसिल ने दी जानकारी 

जानिए क्या कहा जीएसटी काउंसिल ने?

सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल ने एक बार फिर से इस मामले को टाल दिया है. काउंसिल का कहना है कि कोरोना अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में, आने वाले दिनों में कमाई घटने की चिंता बरकरार है.

इसी बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल के दाम को कम कर दिया है. पेट्रोल पर दिल्ली सरकार ने वैट घटा दिया है. इसके बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 8 रुपये तक सस्ता हो जाएगा. आज आधी रात से नई दरें लागू हो जाएंगी.

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GST दायरे में पेट्रोल के आने से क्या होगा?

SBI की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल करीब 20-25 रुपये और डीजल करीब 20 रुपये तक सस्ता हो जाएगा. यानी आम जनता को इससे बड़ी राहत मिलेगी. लेकिन, इससे राज्य सरकारों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. दरअसल, डीजल-पेट्रोल के जीएसटी दायरे में नहीं आने की वजह राज्य सरकारें हैं, क्योंकि कोई भी राज्य अपना नुकसान नहीं कराना चाहता है.

राज्य सरकारों को होता है मुनाफा

राज्यों की अधिकतर आय पेट्रोल-डीजल पर लगाए जाने वाले टैक्स से होती है, इसलिए राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहते हैं. अभी सभी राज्य अपने-अपने हिसाब से कीमत तय कर सकते हैं.

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केंद्र सरकार को भी बड़ा नुकसान

राज्य सरकार के अलावा, इससे केंद्र सरकार को भी करीब 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जो जीडीपी के 0.4 फीसदी के बराबर है. 2019 में पेट्रोल पर टोटल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.83 रुपये प्रति लीटर था. लेकिन, केंद्र सरकार ने एक साल में दो बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया, जिसके चलते पेट्रोल पर 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर कीमत ज्यादा हो गई. 

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