कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार जनवरी-जून 2021 के लिए 4 परसेंट DA बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है. सरकार केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता साल में दो बार रिवाइज करती है, ताकि कर्मचारियों को बढ़की महंगाई की तकलीफों से बचाया जा सके. महंगाई भत्ते में पहला बदलाव जनवरी से जून के दौरान होता है. दूसरा रिवीजन जुलाई से दिसंबर के होता है.
इतना ही नहीं, मीडिया में ये भी दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार जुलाई 2020 में रोके गए महंगाई भत्ते को फिर से शुरू कर सकती है. इस DA को कोरोना वायरस की वजह से रोक लिया गया था. फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को 4 परसेंट कम यानी 17 परसेंट महंगाई भत्ता मिलता है
अगर सरकार जुलाई से दिसंबर 2020 के दौरान 4 परसेंट DA कटौती को फिर से देना शुरू कर देती है और जनवरी से जून 2021 के महंगाई भत्ते में 4 परसेंट बढ़ोतरी कर देती है तो केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा 8 परसेंट DA बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा. यानी अभी 17 परसेंट के हिसाब से DA मिलता है, लेकिन बढ़ोतरी के बाद ये 25 परसेंट हो जाएगा. यानी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है.
7वें वेतन आयोग के सुझावों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला यात्रा भत्ता (Travel Allowance-TA) भी महंगाई भत्ते के साथ साथ ही बढ़ेगा, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला TA भी 8 परसेंट बढ़ जाएगा
एक खबर ये भी मीडिया रिपोर्ट्स में है कि अप्रैल से तीन कानून लागू हो सकते हैं. जिसमें कर्मचारियों की ग्रेच्युटी (Gratuity), प्रॉविडेंट फंड (provident fund) और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है. पिछले साल पास किये गये तीन मजदूरी संहिता विधेयकों को इस साल 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसके लागू होने से भत्ते कुल वेतन के अधिकतम 50 परसेंट होंगे, जबकि बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होने से प्रॉविडेंट फंड में बढ़ोतरी होगी, लेकिन हाथ में आने वाली सैलरी कम हो जाएगी. जबकि ग्रेच्युटी और प्रॉविडेंट फंड में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा.
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