स्पोर्ट्स फुटवियर और कपड़ों की दुनिया में Adidas की सबसे बड़ी कंपटीटर Nike है, जिससे टक्कर लेने के लिए कंपनी ने 15 साल पहले Reebok पर दांव लगाया था. Adidas ने 16 फरवरी को बताया कि उसने Reebok को बेचने के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है. Adidas ने ग्रोथ के लिए 5 साल का एक प्लान बनाया है जिसे वह 10 मार्च को पेश करने वाली है.
10 मार्च को ही कंपनी 2020 के अपने नतीजे भी जारी करेगी. मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक Adidas 2021 की पहली तिमाही से ही रीबॉक का Reebok का कामकाज बंद कर देगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Reebok के बिजनेस की वैल्यू 1.2 अरब डॉलर के बराबर है. Adidas के CEO कैस्पर रॉरस्टेड का कहना है कि Reebok और Adidas अलग होकर बेहतर ग्रोथ हासिल कर सकते हैं.
Reebok के कमजोर परफॉर्मेंस को देखते हुए निवेशक इसको बेचने की मांग कर रहे थे. 2020 की तीसरी तिमाही मे Reebok की कुल बिक्री 7 परसेंट गिरकर 40.30 करोड़ यूरो पर आ गई थी. जबकि इससे पहली तिमाही में कंपनी की बिक्री में 44 परसेंट की गिरावट दर्ज हुई थी. 2019 में Adidas ने Reebok की बुक वैल्यू 2018 के मुकाबले लगभग आधी घटाकर 84.20 करोड़ यूरो कर दी थी
2016 में जब रॉरस्टेड कंपनी के CEO बने तो उन्होंने Reebok को दोबारा पटरी पर लाने का प्लान बनाया था, इसमें वो कामयाब भी हुए थे. 2017 में जब उनसे पूछा गया था कि क्या वो Reebok ब्रांड को बेचेंगे तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने भरोसा जताया था कि वो इसके लिए कदम उठा रहे हैं और उन्हें भरोसा है कि Reebok की हालत सुधर जाएगी.
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