रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि कार्ड धारकों की निजी जानकारियां डार्क वेब पर बेची जा रही हैं. जिन लोगों की जानकारियां लीक हुईं हैं, उनके लिए खतरे की बात है, क्योंकि खाताधारकों के नाम, उनका मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी जैसी संवेदनशील जानकारियां लीक हुईं हैं. साथ ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड के शुरुआती चार अंक और आखिरी चार अंक, कार्ड की एक्सपायरी डेट भी लीक हुई है, जिन्हें डार्क वेब पर बेचा जा रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्ड यूजर्स का डाटा एक पेमेंट गेटवे से लीक हुआ है जिसका नाम Juspay है. Juspay अमेजॉन, ऑनलाइन फूड बुकिंग प्लेटफॉर्म Swiggy और Makemytrip के बुकिंग पेमेंट को प्रोसेस करता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन सभी 10 करोड़ लोगों का डाटा आज से लगभग 5 महीने पहले अगस्त 2020 में लीक हुआ था. यह भी जानकारी सामने आई है कि जो डाटा डार्क वेब में गया है, उसमें यूजर्स की मार्च 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक की जानकारी शामिल है.
इसके पहले दिसंबर में खबर आई थी कि 70 लाख भारतीयों का डेबिट कार्ड डाटा लीक हुआ. इंडीपेंडेंट भारतीय साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजारिया का कहना है कि डाटा को Dark Web फोरम पर डाला गया जहां से उसके ग्राहकों तक पहुंचाया गया.
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