अगर आप अभी तक इनवेस्टमेंट प्रूफ (Investment Proof) जमा नहीं कर पाए हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. आपके पास अब भी मौका है. आप 31 मार्च तक आयकर (Income Tax) की धारा 80C, 80CCC, 80CCD, 80CCE and 80D जैसे बहुत से प्रावधानों के तहत निवेश कर टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) में कटौती का फायदा उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
अगर आप 31 मार्च से पहले अपनी टैक्स स्लैब के मुताबिक किसी भी तरह का निवेश करते हैं तो आप इसकी जानकारी बाद में ITR फाइल करते समय देकर टैक्स रिफंड (Tax Refund) के लिए आवेदन कर सकते हैं.
सबसे पहले आप 31 मार्च तक अपनी टैक्स स्लैब के मुताबिक निवेश कर इसका रिकॉर्ड अपने पास रख लें. जैसे बच्चे की फीस की रसीद, होम लोन का स्टेटमेंट, बीमा प्रीमियम का रिकॉर्ड, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का रिकॉर्ड, रेंट एग्रीमेंट आदि. यह सभी रिकॉर्ड आपको इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करते समय देना पड़ेगा.
वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नए टैक्स स्लैब का तोहफा दिया था. जिसमें विकल्प था कि लोग जो चाहें वह टैक्स स्लैब चुन सकते हैं. ऐसे में नौकरीपेशा लोगों से पहले ही एचआर ने स्वीकृति ले ली होगी कि वो कौन-सा टैक्स स्लैब चुनेंगे.
ऐसे में अगर आपकी सिर्फ एकमात्र आय सिर्फ नौकरी से ही है और कोई अन्य इनकम स्त्रोत नहीं है तो आप जब चाहें किसी भी टैक्स स्लैब विकल्प में बदलाव को चुन सकते हैं.
जानकारों के मुताबिक, अगर किसी का सालाना पैकेज 13 लाख रुपये से कम है तो उसके लिए पुराने टैक्स स्लैब को चुनना ही फायदेमंद है. इसका फायदा उठाते हुए जब आप वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे तो आप उसमें इन निवेश की जानकारी देकर टैक्स रिफंड हासिल कर सकते हैं.
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