राशन कार्ड (Ration Card) का फायदा सिर्फ जरूरतमंदों को मिले, न कि उनको जिन्हें इसकी जरूरत नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारों ने राशन कार्ड को लेकर एक नई गाइडलाइंस जारी कर दी है.
कोरोना महामारी के बीच देश कई चुनौतियों के बीच से गुजर रहा है, ऐसे में गरीबों के लिए अनाज का इंतजाम करना भी राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती है. कई राज्य सरकारों ने राशन कार्ड को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके मुताबिक अगर किसी ने तीन महीने तक राशन नहीं लिया है तो उसका राशन कार्ड रद्द हो सकता है. उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश ने इसपर अमल करना भी शुरू कर दिया है.
इसी दिशा में उत्तर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति विभाग ने हर जिले से इस बारे में एक रिपोर्ट भी तलब की है. रिपोर्ट आने के बाद यूपी सरकार भी इस दिशा में कदम उठा सकती है. इसके पीछे सोच ये है कि अगर कोई व्यक्ति तीन महीने तक राशन कार्ड से राशन नहीं ले रहा है, मतलब वो अपना अनाज खरीदने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम है. इसलिए राशन कार्ड का लाभ किसी दूसरे व्यक्ति को दिया जा सकता है, जिसकी उसे ज्यादा जरूरत होगी.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2013 के बाद से अबतक 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किए हैं. सरकार ने ये कदम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों की सही संख्या जानने के लिए उठाया. PDS (Public Distribution Syetem) में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने लाभार्थियों का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया है. लाभार्थियों के लिए आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि अयोग्य और फर्जी राशन कार्डों का पता लगाने में मदद मिले.
केंद्र सरकार की योजना है कि 31 मार्च 2021 तक पूरे देश को वन वेशन वन राशन कार्ड योजना लागू हो जाए. इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सभी 81 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा. देश के 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुविधा यानि वन नेशन वन राशन कार्ड लागू हो चुका है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़