Indian Railway Rules: अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है. आज हम आपको रेलवे के कुछ बेहद जरूरी नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं. अगली बार ट्रेन में चढ़ने से पहले इन नियमों को जरूर ध्यान में रखें नहीं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इन नियमों का पालन न करने पर ना सिर्फ जुर्माना लग सकता है, बल्कि आपको जेल भी जाना पड़ सकता है.
भारतीय रेलवे के नियम के मुताबिक, ट्रेन के भीतर या बाहर टिकट चेक करने का अधिकार केवल TTE और सचल दस्ता को ही है. ऐसे में रेलवे में सुरक्षा के लिए तैनात RPF, GRP जवान या फिर दूसरे स्टॉफ आपका टिकट नहीं चेक कर सकते हैं. अगर वो ऐसा करते हैं तो आप उन्हें टिकट दिखाने के लिए मना कर सकते हैं.
अगर आपकी ट्रेन किसी कारणवश छूट गई है तो TTE अगले दो स्टेशनों तक आपकी सीट किसी को अलॉट नहीं कर सकता है. यानी अगले दो स्टेशनों पर आप ट्रेन से पहले पहुंचकर अपना सफर पूरा कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे, दो स्टेशनों के बाद TTE RAC टिकट वाले यात्री को सीट अलॉट कर सकता है. लेकिन आपके पास दो स्टेशन का विकल्प रहता है.
ये तो आपको पता ही होगा कि दूसरे व्यक्ति टिकट पर यात्रा नहीं कर सकते हैं. लेकिन, परिवार को लेकर अलग नियम है. आप परिवार के किसी शख्स की टिकट पर यात्रा कर सकते हैं. लेकिन, आप जिस शख्स की टिकट पर यात्रा कर रहे हैं, उसके साथ आपका खून का रिश्ता होना चाहिए. है. जैसे कि माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या बच्चों के नाम से टिकट है तो आप उनकी टिकट पर यात्रा कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको स्टेशन पर जाकर टिकट पर नाम बदलवाना पड़ेगा.
परिवार वालों के अलावा भारतीय रेलवे किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्रों को भी टिकट ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है. ऐसी स्थिति में इंस्टीट्यूट के प्रमुख को लेटरहेड पर जरूरी दस्तावेजों के साथ लिखित में ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले आवेदन करना होता है.
प्लेटफॉर्म टिकट (Benefits of Platform Ticket) यात्री को ट्रेन में चढ़ने के पात्र बनाता है. इसके साथ यात्री को उसी स्टेशन से किराया चुकाना होगा, जहां से उसने प्लेटफॉर्म टिकट लिया है. किराया वसूलते वक्त डिपार्चर स्टेशन भी उसी स्टेशन को माना जाएगा.और सबसे बड़ी बात कि आपको किराया भी उसी श्रेणी का देना होगा जिसमें आप सफर कर रहे होंगे.
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