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Share Market: बजट से पहले के हफ्ते में कैसी रहेगी बाजार की चाल? इस रुख से तय हो सकती है मार्केट की दिशा

Stock Market: बजट से पहले के हफ्ते में शेयर बाजारों की दिशा मुख्य रूप से कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों (FII) के रुख से तय होगी. विश्लेषकों ने राय जताई है कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटाने की वजह से भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

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Stock Market Update: कुछ ही दिनों में देश का आम बजट पेश किया जाने वाला है. बजट से पहले शेयर मार्केट में भी काफी हलचल देखने को मिल रही है. वहीं बजट से पहले के हफ्ते में शेयर बाजारों की दिशा मुख्य रूप से कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों (FII) के रुख से तय होगी. विश्लेषकों ने राय जताई है कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटाने की वजह से भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

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स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की वजह से यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला होगा. ऐसे में जनवरी महीने के F&O सौदों का निपटान 25 जनवरी यानी बुधवार को होगा. वहीं वैश्विक रुख में भी उतार-चढ़ाव है और इसमें किसी दिशा का अभाव है. हालांकि, वैश्विक बाजार में किसी भी बड़े उतार-चढ़ाव का असर हमारे बाजारों पर भी पड़ सकता है. इस महीने के पहले पखवाड़े में आक्रामक बिकवाली के बाद पिछले कुछ दिनों में एफआईआई की बिकवाली कम हुई हैं. तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन चल रहा है, ऐसे में शेयर और क्षेत्र विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं.’’ .

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तिमाही नतीजों की बात करें तो सप्ताह के दौरान एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी इंडिया, बजाज ऑटो, डीएलएफ, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस और वेदांता के कमाई के आंकड़े आएंगे. वहीं मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के परिणामों और आगामी बजट को लेकर शेयर विशेष गतिविधियों के चलते बाजार के एक मजबूत सीमा में रहने की उम्मीद है.’’

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इसके अलावा निवेशकों की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियों, रुपये और ब्रेंट कच्चे तेल के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हालांकि, तीसरी तिमाही के नतीजों की शुरुआत कमजोर रुख के साथ हुई है लेकिन हाल में आए आईटी और बैंकिंग क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के परिणाम उत्साहवर्द्धक रहे हैं. आगे चलकर बाजार की दिशा कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों से तय होगी.’’

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वहीं बता दें कि चीन के बाजारों का आकर्षण बढ़ने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 15,236 करोड़ रुपये की निकासी की है. हालांकि, पिछले चार कारोबारी सत्रों में FPI लिवाल रहे हैं.

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