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Budget 2021-22: Income Tax बचाने के ये हैं 10 तरीके, जल्दी से पढ़ लें खबर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश करने वाली हैं. ऐसे में ज्यादातर लोगों की निगाहें इनकम टैक्स (Income Tax) स्लैब पर टीकी होती हैं. देश में 2.5 लाख रुपये से अधिक आय पर नियमानुसार इनकम टैक्स लगता है. लेकिन पैसे को अलग-अलग जगह सुनियोजित तरीके से इनवेस्ट करके आप टैक्स बचा सकते हैं. आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में...

 

डोनेशन (80G)

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डोनेशन (80G)

अगर आप दान पुण्य करते हैं तो इस पर भी टैक्स बचा सकते हैं. सेक्शन 80G के तहत मान्यता प्राप्त चैरिटेबल संस्थान को किया गया डोनेशन टैक्स छूट के दायरे में आता है. हालांकि पूरे डोनेशन पर छूट नहीं मिलती है.

विशेष बीमारी का इलाज (80DDB)

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विशेष बीमारी का इलाज (80DDB)

विशेष बीमारियों जैसे कैंसर, न्यूरोलॉजिकल बीमारी या AIDS का इलाज काफी महंगा होता है. सरकार सेक्शन 80DDB के तहत 40,000 रुपये तक की टैक्स छूट देती है. सीनियर सिटिजन के मामले में ये टैक्स छूट 1 लाख  रुपये होती है.

दिव्यांग मेडिकल खर्च (80DD)

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दिव्यांग मेडिकल खर्च (80DD)

अगर आप किसी दिव्यांग की देखरेख करते हैं तो उस पर होने वाले खर्च को सेक्शन 80DD के तहत क्लेम कर सकते हैं. वो दिव्यांग व्यक्ति परिवार का कोई भी सदस्य हो सकता है, जैसे माता-पिता, बच्चा या फिर भाई-बहन. आपको कितनी टैक्स छूट मिलेगी ये दिव्यांगजन की disability पर निर्भर करता है. इसमें 75,000  रुपये से लेकर 1.25 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है. 

सेविंग बैंक ब्याज (80TTA)

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सेविंग बैंक ब्याज (80TTA)

सेविंग बैंक अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर भी आप टैक्स छूट पा सकते हैं. सेक्शन 80TTA के तहत कोई भी व्यक्ति या HUF अधिकतम 10,000 रुपये तक टैक्स छूट पा सकता है. इसमें बैंक, को-ऑपरेटिव सोसाइटी या फिर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट शामिल हैं.  ये टैक्स छूट सभी के लिए है, इसके लिए सीनियर सिटिजन की शर्त नहीं है. 10,000 रुपये से अधिक ब्याज को अन्य आय की श्रेणी में  गिना जाएगा और उस पर टैक्स चुकाना होगा. मान लीजिए चार सेविंग बैंक अकाउंट से आपको एक वित्त वर्ष में 15,000 रुपये का ब्याज मिलता है तो, 10,000 रुपये पर आपको टैक्स छूट मिलेगी, लेकिन बाकी 5,000 रुपये पर आपको टैक्स चुकाना होगा. 

 

एचआरए (80GG)

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एचआरए (80GG)

अगर आप सैलरीड हैं और आपकी कंपनी HRA देती है, तो रेंट पर आप टैक्स छूट पाते हैं. लेकिन अगर आपको HRA नहीं मिलता है तो आप हाउस रेंट पर टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकते हैं. ऐसा तब होता है जब आप या तो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं या फिर खुद का कोई काम करते हैं. ऐसे लोगों को सरकार सेक्शन 80GG का विकल्प देती है. 

पहली बार घर खरीदने पर (80EE)

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पहली बार घर खरीदने पर (80EE)

अपना पहला घर खरीदने वालों को सरकार सेक्शन 80EE के तहत होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त छूट देती है, बशर्ते इसके पहले आपके नाम पर कोई दूसरा घर नहीं होना चाहिए. इस सेक्शन के तहत आप 50,000 रुपये तक अतिरिक्त टैक्स क्लेम कर सकते हैं. ये छूट सेक्शन 24 के तहत मिलने वाली छूट के अलावा होती है. यानी पहली बार घर खरीदने वालों को एक साल में कम से कम 2.5 लाख रुपये तक की छूट होम लोन के ब्याज पर ही मिल जाती है. इसके लिए शर्त ये भी है कि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और लोन की 35 लाख या इससे कम होना चाहिए.

होम लोन का ब्याज (सेक्शन 24)

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होम लोन का ब्याज (सेक्शन 24)

होम लोन रीपेमेंट पर आप दो तरह से टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. प्रिंसिपल अमाउंट पर आप 80C के तहत 1.5 लाख  रुपये का टैक्स छूट तो लेते ही हैं, साथ ही ब्याज कंपोनेंट पर सेक्शन 24 के तहत छूट ले सकते हैं. इस सेक्शन के तहत आप अधिकतम 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं, बशर्ते प्रॉपर्टी आपके नाम पर हो और आप उसमें रहते हों. अगर आप उस घर में नहीं रहते बल्कि आपने रेंट पर दे रखा है तो आपकी टैक्स छूट क्लेम करने की कोई सीमा नहीं है, यानी आपने एक साल के दौरान जितना भी ब्याज भरा हो पूरा टैक्स छूट के दायरे में आ जाएगा. 

एजुकेशन लोन (80E)

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एजुकेशन लोन (80E)

अगर आपने बच्चों की पढ़ाई के लिए लोन लिया है तो उसके रीपेमेंट पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80E के तहत एजुकेशन लोन के ब्याज के हिस्से पर टैक्स छूट ले सकते हैं. ये टैक्स छूट पैरेंट्स और बच्चा कोई भी ले सकता है, ये इस बात पर तय होगा कि लोन चुका कौन रहा है. इसमें टैक्स छूट की कोई सीमा नहीं है, आप जितना चाहें ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. 

हेल्थ इंश्योरेंस (80D)

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हेल्थ इंश्योरेंस (80D)

सेक्शन 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम को क्लेम कर सकते हैं. आपको 80D के तहत टैक्स में कितनी छूट मिलेगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि इस पॉलिसी में कौन कौन शामिल है और उनकी उम्र क्या है. इस तरह से आप 25,000 रुपये, 50,000 रुपये और 1 लाख रुपये तक टैक्स बचत क्लेम कर सकते हैं. 

नेशनल पेंशन सिस्टम (80CCD (1B))

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नेशनल पेंशन सिस्टम (80CCD (1B))

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में आप सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की टैक्स बचत करते हैं, लेकिन इसके ऊपर भी सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त बचत की जा सकती है. यानी आप कुल मिलाकर 2 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं.

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