BSNL-BBNL Merger: सरकार ने बीएसएनएल को 1,64,156 करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज की मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) के मर्जर को भी जूरी दी. आइये जानते हैं लेटेस्ट अपडेट.
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BSNL-BBNL Merger: बीएसएनएल के मर्जर को लेकर ताजा अपडेट आया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीएसएनएल के मर्जर को मंजूरी दे दी है. भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के रिवाइवल के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दे दी गई. यानी अब बीएसएनएल का जल्दी ही विलय हो जाएगा. सरकार ने इसकी जानकारी दी है. आइये जानते हैं लेटेस्ट अपडेट.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, 'सरकार ने बीएसएनएल के रिवाइवल के लिए 1,64,156 करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज की मंजूरी दी गई है. कैबिनेट ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) के मर्जर को मंजूरी दी.' BSLN का BBNL में विलय होने पर ग्राहकों को भी लाभ होगा.
क्या होगा असर?
अब सवाल है कि आपको इससे क्या फायदा मिलेगा? आपको बता दें कि इस मर्जर से अब देशभर में बिछे BBNL के 5.67 लाख किलोमीटर के ऑप्टिकल फाइबर का पूरा कंट्रोल बीएसएनएल हाथों में आ जाएगा. इसके लिए सरकार अगले तीन साल में BSNL के लिए 23,000 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी करेगी. वहीं सरकार MTNL के लिए 2 साल में 17,500 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी करेगी. केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया, 'सरकार ने बीएसएनएल के रिवाइवल के लिए 1,64,156 करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी. इससे टेलीकॉम कंपनी को 4G में अपग्रेड करने में मदद मिलेगी.'
सरकार ने की तैयारी
आपको बता दें कि अश्विनी वैष्णव के अनुसार, बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा. साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिये बॉन्ड जारी करेगी. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) के विलय को भी मंजूरी दी है. सरकार ने इस विलय को लेकर खास तरह की प्लानिंग की है. देश भर में बड़ा नेटवर्क BSNL के पास 6.80 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है. इतना ही नहीं, BBNL देश के 1.85 लाख ग्राम पंचायतों में 5.67 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछा रखा है. अब BSLN को BBNL द्वारा बिछाए गए फाइबर का कंट्रोल यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के जरिए मिलेगा.