अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं लिया गया था. उससे पहले 1 साल तक लोगों को ब्लैकमनी जमा करने को कहा गया था.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए खास इंटरव्यू में नोटबंदी के बारे में बात करते हुए कहा कि इस फैसले की वजह से ब्लैक मनी पर बहुत बड़ा आघात हुआ है. जब उनसे पूछा गया कि यह फैसला अचानक लिया गया जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई. जवाब में उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं लिया गया था. फैसले से पहले एक साल तक लोगों से अपील की गई थी कि वे फाइन जमाकर ब्लैकमनी को बैंकों में जमा कर दें. एक साल तक हर माध्यम से यह संदेश पहुंचाया. बहुत लोगों ने ऐसा किया भी, जिन लोगों ने नहीं किया उनलोगों को नोटबंदी से बहुत बड़ा नुकसान हुआ.
जब प्रधानमंत्री से पूछा गया कि बैंकों के हजारों करोड़ रुपये लेकर विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोग देश छोड़कर फरार हो गए. जवाब में उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद इन जैसे लोगों में डर बैठ गया था. एक फैसले की वजह से इनलोगों को अपना देश छोड़कर भागना पड़ा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इनलोगों को वापस भी लाया जाएगा. इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं. हमारी सरकार में इन जैसे लोगों को मालूम हो गया था कि यहां दाल नहीं गलने वाली है. अब कानून को मानना होगा. गलत काम करना बंद करना होगा. इसलिए ये लोग डर गए थे. मैं भरोसा देता हूं कि आज नहीं तो कल सभी को वापस लाया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि नोटबंदी की वजह से कुछ समय के लिए अर्थव्यवस्था जरूर धीमी हुई थी, लेकिन अब सबकुछ ठीक है. पहले भारत में एक समानांतर (पैर्लल) इकोनॉमी चलती थी जिसे नोटबंदी की वजह से बहुत बड़ा झटका लगा. लोगों और खासकर युवाओं की अवधारणा बदली है. वे ईमानदारी से अपना टैक्स जमा करना चाहते हैं. नोटबंदी के बाद टैक्स पेयर्स की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है. यह नोटबंदी ही है जिसकी वजह से हमारी अर्थव्यवस्था में कैश का फ्लो धीरे-धीरे कम हो रहा है. डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है.