रघुराम राजन ने कहा खतरे में है पूंजीवाद, बराबर अवसर नहीं मिलने के कारण विद्रोह की संभावना
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रघुराम राजन ने कहा खतरे में है पूंजीवाद, बराबर अवसर नहीं मिलने के कारण विद्रोह की संभावना

राजन ने कहा कि पूंजीवाद लोगों को बराबरी के अवसर नहीं दे रहा है और वास्तव में जो लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं उनकी स्थिति बिगड़ी है.

रघुराम राजन RBI के पूर्व गवर्नर और IMF के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं. (फाइल)

लंदन: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि समाज में संभावित 'विद्रोह' की स्थिति को देखते हुये पूंजीवाद पर ' गंभीर खतरा ' दिखता है. उन्होंने कहा कि विशेषकर 2008 की वैश्विक वित्तीय मंदी के बाद आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था लोगों को बराबर अवसर उपलब्ध नहीं करा पाई है. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर राजन ने बीबीसी रेडियो 4' एस टुडे कार्यक्रम में बताया कि अर्थव्यवस्था के बारे में विचार करते समय दुनिया भर की सरकारें सामाजिक असमानता को नजरअंदाज नहीं कर सकती हैं. 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, 'मेरा मानना है कि पूंजीवाद गंभीर खतरे में है क्योंकि इसमें कई लोगों को अवसर नहीं मिल पा रहे हैं और जब ऐसा होता है तो पूंजीवाद के खिलाफ विद्रोह खड़ा हो जाता है.' राजन ने कहा कि मुझे लगता है कि पूंजीवाद कमजोर पड़ रहा है क्योंकि यह लोगों को बराबर अवसर नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा, 'पूंजीवाद लोगों को बराबरी के अवसर नहीं दे रहा है और वास्तव में जो लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं उनकी स्थिति बिगड़ी है.' 

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राजन ने कहा, 'संसाधनों का संतुलन जरूरी है. आप अपनी पसंद से कुछ भी चुन नहीं सकते हैं. वास्तव में जो करने की जरूरत है वह अवसरों में सुधार लाने की जरूरत है.' पूर्व गवर्नर ने कहा कि अतीत में 'मामूली शिक्षा' के साथ एक मध्यम वर्ग की नौकरी प्राप्त करना संभव था. लेकिन 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद स्थिति बदली है. अगर आपको सफलता हासिल करनी है तो आपको वास्तव में अच्छी शिक्षा की जरूरत है.    

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