RBI ने रेपो रेट में क्यों नहीं की कटौती, गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह
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RBI ने रेपो रेट में क्यों नहीं की कटौती, गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह

  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक समीक्षा बैठक के दौरान एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखते हुए उसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा. इस बार जबकि उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर राहत देगा, लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी.

 RBI ने  रेपो रेट में क्यों नहीं की कटौती, गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताई वजह

मुंबई:  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक समीक्षा बैठक के दौरान एक बार फिर से रेपो रेट को स्थिर रखते हुए उसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा. इस बार जबकि उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर राहत देगा, लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी. अब आरबीआई की एमपीसी मीटिंग मीटिंस में इस बात की वजह सामने आई है कि आखिर क्यों ब्याज दरों में कटौती नहीं की गई. उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती का फैसला अभी जल्दीबाजी का फैसला होता. उन्होंने कहा कि नीतिगत दरों पर जल्दीबाजी में लिया गया फैसला अब तक के प्रयासों को नुकसान पहुंचा सकता है. 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा किमुद्रास्फीति को काबू में लाने का काम अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि नीतिगत मोर्चे पर जल्दबाजी में उठाया गया कोई भी कदम कीमत के मोर्चे पर अबतक हमने जो सफलता हासिल की है, उसपर प्रतिकूल असर डाल सकता है. 

केंद्रीय बैंक के 22 फरवरी, गुरुवार को जारी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरे में कहा कि इस समय मौद्रिक नीति का रुख सतर्क होना चाहिए और यह नहीं मानना ​​चाहिए कि मुद्रास्फीति के मोर्चे पर हमारा काम खत्म हो गया है. एमपीसी की बैठक इस महीने छह से आठ फरवरी को हुई थी.  उन्होंने कहा कि एमपीसी को मुद्रास्फीति को नीचे लाने के 'अंतिम छोर' को सफलतापूर्वक पार करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए. 

शक्तिकान्त दास ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में मतदान करते समय यह टिप्पणी की. ब्योरे के अनुसार गवर्नर ने कहा कि .इस समय जल्दबाजी में उठाया गया कोई भी कदम अब तक हासिल की गई सफलता को कमजोर कर सकता है. 

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