जी ललचाए, गुलाबी नोट बिन रहा ना जाए... अब भी 2000 रुपये के 7,555 करोड़ की करंसी दबाए बैठे हैं लोग
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जी ललचाए, गुलाबी नोट बिन रहा ना जाए... अब भी 2000 रुपये के 7,555 करोड़ की करंसी दबाए बैठे हैं लोग

 2000 Rupee Note Exchange: लोग अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए देश के किसी भी डाकघर से आरबीआई के किसी भी कार्यालय में भारतीय डाक के जरिए 2000 रुपये के बैंक नोट भेज रहे हैं. 

जी ललचाए, गुलाबी नोट बिन रहा ना जाए... अब भी 2000 रुपये के 7,555 करोड़ की करंसी दबाए बैठे हैं लोग

2000 Rupees Note: दो हजार रुपये  के करीब 97.82 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गए हैं. रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी है. चलन से हटाए गए केवल 7,755 करोड़ रुपये मूल्य के नोट अभी लोगों के पास हैं. आरबीआई ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये मूल्य के बैंक नोट को चलन से वापस लेने का ऐलान किया था. चलन में 2000 रुपये मूल्य के बैंक नोट का कुल मूल्य 19 मई, 2023 को कारोबार के खत्म होने पर 3.56 लाख करोड़ रुपये था.

यह 31 मई, 2024 को कारोबार के खत्म होने पर घटकर 7,755 करोड़ रुपये रह गया. रिजर्व ने बयान में कहा, '19 मई, 2023 तक चलन में 2000 रुपये के 97.82 प्रतिशत बैंक नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए हैं.' सात अक्टूबर, 2023 तक 2000 रुपये के बैंक नोट को जमा करने और/या बदलने की सुविधा देश की सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी. 19 मई 2023 से 2000 रुपये के बैंक नोट को बदलने की सुविधा रिजर्व बैंक के 19 दफ्तरों में उपलब्ध है. 

डाक से भी भेज सकते हैं नोट

आरबीआई के दफ्तर 9 अक्टूबर, 2023 से लोगों और संस्थाओं से उनके बैंक खातों में जमा करने के लिए भी 2000 रुपये के नोट स्वीकार कर रहे हैं. इसके अलावा, लोग अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए देश के किसी भी डाकघर से आरबीआई के किसी भी कार्यालय में भारतीय डाक के जरिए 2000 रुपये के बैंक नोट भेज रहे हैं. 

कहां-कहां जमा कर सकते हैं नोट

बैंक नोट को जमा/बदलने वाले आरबीआई के 19 कार्यालय अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नयी दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में हैं. नवंबर, 2016 में उस समय चलन में मौजूदा 1000 रुपये और 500 रुपये के बैंक नोट को हटाये जाने के बाद 2000 रुपये के बैंक नोट लाए गए थे. 2000 रुपये का नोट 2016 में लाया गया था. तब केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. उस वक्त देश में करंसी की जरूरत को पूरा करने के लिए इसे लाने की जरूरत बताई गई थी. 

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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