अगर आप भी बाजार में खरीदारी करने के लिए पेटीएम, मोबीक्विक या फिर भारत बिल जैसे पेमेंट गेटवे से भुगतान करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल केंद्र सरकार लगातार डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है.
Trending Photos
नई दिल्ली : अगर आप भी बाजार में खरीदारी करने के लिए पेटीएम, मोबीक्विक या फिर भारत बिल जैसे पेमेंट गेटवे से भुगतान करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल केंद्र सरकार लगातार डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है. दूसरी तरफ इसे सुरक्षित बनाने के लिए आरबीआई ने एक और कदम उठाया है. केंद्रीय बैंक ने पेमेंट गेटवे प्रोवाइडर और पेमेंट एग्रीगेटर को रेगुलेट करने का प्रपोजल दिया है. ऐसे होने से ग्राहकों के लिए डिजीटल पेमेंट करना ज्यादा सुरक्षित होगा. इसके बाद पेटीएम, मोबिक्विक, भारत बिल अब रिजर्व बैंक की गाइलाइन का पालन करेंगे.
2017 में ई-वॉलेट पर एडवाइजरी जारी की गई
इससे पहले आरबीआई ने भी साल 2017 को ई-वॉलेट पर एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें कहा गया था कि पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे जैसे पेमेंट गेटवे सेंट्रल बैंक की तरफ से रेगुलराइज नहीं हैं, उन्हें अपने लेनदेन के लिए 24 नवंबर, 2009 के रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत एक नोडल बैंक के माध्यम से ट्रांजेक्शन होना चाहिए. इस बारे में जारी 2009 के दिशा-निर्देशों में पेमेंट गेटवे प्रोवाइडर और पेमेंट एग्रीगेटर जैसे इंटरमीडियरिज के नोडल अकाउंट के रखरखाव के लिए कहा था.
2009 के नियमों के अनुसार, मर्चेंट द्वारा ग्राहकों से मध्यस्थों द्वारा पेमेंट के कलेक्शन की सुविधा वाले बैंकों द्वारा खोले गए और बनाए गए सभी खातों को बैंकों के आंतरिक खातों के रूप में माना जाएगा. आपको बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को मौद्रिक समीक्षा नीति का ऐलान करते हुए रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट घटाने का फैसला किया है. इसके बाद आम आदमी को सस्ता कर्ज मिल सकेगा और होम लोन व कार लोन की ईएमआई कम हो जाएगी.