सोमवार से खुल रहे धार्मिक स्थल, आस्था के बीच सुरक्षा का भी रखना होगा ख्याल
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सोमवार से खुल रहे धार्मिक स्थल, आस्था के बीच सुरक्षा का भी रखना होगा ख्याल

दो महीने से भी ज्यादा समय तक बंद मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च के द्वार श्रदालुओं के लिए फिर से खुल जाएंगे. लेकिन इस बार आपको ऐहतियात बरतने की जरूरत होगी, क्योंकि सरकार ने लोगों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. 

सोमवार से खुल रहे धार्मिक स्थल, आस्था के बीच सुरक्षा का भी रखना होगा ख्याल

नई दिल्ली: अगले हफ्ते से आपके आस्था से जुड़े धार्मिक स्थल खुल रहे हैं. दो महीने से भी ज्यादा समय तक बंद मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च के द्वार श्रदालुओं के लिए फिर से खुल जाएंगे. लेकिन इस बार आपको ऐहतियात बरतने की जरूरत होगी, क्योंकि सरकार ने लोगों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ऐसे में आपको इन नियमों को पालन करना होगा, वरना इसका सबसे ज्यादा नुकसान आपको ही हो सकता है. 

  1. 8 जून से खुल जाएंगे धार्मिक स्थल
  2. गृह मंत्रालय ने जारी किया दिशा-निर्देश
  3. आपको रखना हो खास ख्याल

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ये होंगे नए नियम धार्मिक स्थलों के लिए
गृह मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए. एसओपी में कहा गया है कि संक्रमण के संभावित प्रसार के मद्देनजर धार्मिक स्थलों में गायन समूहों को अनुमति न दी जाए, बल्कि इसकी जगह रिकॉर्डेड भजन बजाए जा सकते हैं. इस दौरान सामूहिक प्रार्थना से बचा जाना चाहिए और प्रसाद वितरण तथा पवित्र जल के छिड़काव जैसी चीजों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

SOP में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों पर प्रतिमाओं और पवित्र पुस्तकों को छूने से भी बचना चाहिए तथा वहां प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम छह फुट की भौतिक दूरी रखी जानी चाहिए.

मंत्रालय ने आज होटलों और रेस्तराओं के लिए भी एसओपी जारी की और कहा कि लक्षमुक्त कर्मचारियों और लोगों को ही प्रवेश की अनुमति मिलनी चाहिए तथा उचित भीड़ प्रबंधन होना चाहिए.

मंत्रालय ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, अधिक उम्र वाले या किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें लोगों के सीधे संपर्क में आने जैसे कार्य से बचना चाहिए. इसने कहा कि विभिन्न कामों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास बिन्दु होने चाहिए तथा होटल और रेस्तरां मालिकों को डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना चाहिए.

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एसओपी में कहा गया कि होटल और आथित्य सेवाओं को आगंतुक की यात्रा और चिकित्सा स्थिति का उचित रिकॉर्ड सुनिश्चित करना चाहिए.

मंत्रालय ने कहा कि होटलों में सामान को कमरे में पहुंचाने से पहले संक्रमणमुक्त किया जाना चाहिए. आगंतुकों और कर्मचारियों के बीच रूम सर्विस के लिए फोन पर बात होनी चाहिए.

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