Russia-Ukraine War effect: सरकार एलआईसी आईपीओ को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने भी पिछले दिनों एक इंटरव्यू में इसके संकेत देते हुए कहा था कि वैसे तो हमारी तैयारियां पूरी हैं और हम तय समय पर LIC का IPO लाना चाहते हैं, लेकिन ग्लोबल फैक्टर की वजह से इसमें बदलाव की गुंजाइश भी रहेगी.
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नई दिल्ली: LIC IPO Launch Date: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच निवेशकों के लिए बुरी खबर है. बाजार में जारी उतार-चढ़ाव से परेशान सरकार LIC का IPO को टालने का फैसला ले सकती है. गौरतलब है कि अब तक की जानकारी के अनुसार, सरकार मार्च के अंत तक IPO उतारने की तैयारियां पूरी कर चुकी थी. लेकिन रूस-यूक्रेन विवाद के उत्पन्न हुये ग्लोबली मार्केट के गिरावट के संकेत को देखते हुए सरकार इसे अगले वित्तवर्ष में जारी कर सकती है.
सरकार इस हफ्ते एक अहम बैठक करेगी जिसमें इस बात पर फैसला किया जाएगा कि LIC की लिस्टिंग इस साल मार्च में होगी या नहीं. इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ग्लोबल हालात को देखते हुए IPO की लॉन्च टाइमिंग में बदलाव किया जा सकता है.
इससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने भी पिछले दिनों इस बात का इशारा देते हुए कहा था कि वैसे तो मैं पहले की योजना के मुताबिक ही जाना चाहूंगी, क्योंकि यह भारतीय बाजार पर निर्भर करता है. लेकिन, ग्लोबल माहौल बिगड़ता है तो IPO की टाइमिंग पर दोबारा विचार किया जा सकता है. आपको बता दें कि कंपनी ने IPO के लिए 13 फरवरी को ही बाजार नियामक सेबी के पास DRHP जमा कर दिया है.
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बाजार में बिकवाली दिखने के कारण LIC के IPO में पैसे लगाने वाले बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक सरकार पर लिस्टिंग टालने का दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अभी बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव दिख रहा है. इसका असर एलआईसी के आईपीओ पर भी दिख सकता है.
इस विवाद ने वैश्विक बाजार को हिला कर रख दिया है. LIC के IPO पर काम कर रहे एक बैंकर के अनुसार, विदेशी निवेशक (Foreign investor) बाजार के उतार-चढ़ाव से सहमे हुये हैं. वे लगातार अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा कर रहे हैं. ऐसे समय में विदेशी निवेशक इस आईपीओ से दूरी बना सकते हैं, जिसका असर शेयरों के प्रदर्शन पर भी पड़ेगा.