नई सरकार के गठन पर वित्त वर्ष 2024 -25 का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. हालांकि 2019 के अंतरिम बजट में कुछ राहत उपायों की घोषणा की गई थी.
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Interim Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार छठी बार 1 फरवरी 2024 को वित्तीय वर्ष (FY) 2024-25 के लिए बजट पेश करने के लिए तैयार हैं. अब तक कुल 91 बजट पेश किये गए हैं, इनमें से 73 सालाना बजट, 14 अंतरिम बजट और 4 मिनी बजट हैं. इस साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश का 15वां अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. अंतरिम बजट का मकसद नई सरकार के गठन तक केवल खर्चों को कवर करना होता है. इस साल का बजट केवल लेखानुदान होगा.
अंतरिम बजट होने के कारण टैक्सपेयर्स को किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. नई सरकार के गठन पर वित्त वर्ष 2024 -25 का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. हालांकि 2019 के अंतरिम बजट में कुछ राहत उपायों की घोषणा की गई थी. इसमें सैलरीड क्लॉस को 5 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स से छूट दी गई थी. इस पर गौर करें तो अंतरिम बजट 2024 से भी सैलरीड क्लॉस कुछ उम्मीद लगातार बैठा है. आइए जानते हैं क्या?
1. टैक्स स्लैब में बदलाव
काफी लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इनकम टैक्स स्लैब की दर को रिवाइज कर सकती है. उम्मीद की जा रही है कि मीडिल इनकम क्लॉस के लिए टैक्स की दर में कमी की जा सकती है. इसके अलावा, न्यू टैक्स रिजीम में लगाई गई अधिकतम टैक्स की दर 25% है. हालाँकि, ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत यह 37% है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत दी गई राहत ओल्ड टैक्स रिजीम के लिए भी लागू की जा सकती है.
2. मेट्रो सिटी की लिस्ट में और शहर जोड़े जाएंगे!
एचआरए छूट की गणना के लिए मेट्रो सिटी की लिस्ट में ज्यादा टियर-2 शहरों को शामिल किया जा सकता है. एचआरए छूट के लिए मौजूा समय में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई को ही मेट्रो सिटी माना जाता है. बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, गुड़गांव, अहमदाबाद समेत दूसरे शहरों में रहने वालों को उम्मीद है कि इन शहरों को भी एचआरए रिबेट के मकसद से मेट्रो सिटी की लिस्ट में जोड़ा जाएगा.
3. डिडक्शन लिमिट बढ़ना
सेक्शन 80D के तहत मिलने वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के कवर में भी इस बार बदलाव किये जाने की उम्मीद है. इसके अलावा मीडियम क्लॉस के टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सेक्शन 80C के तहत कटौती सीमा बढ़ाने के बारे में विचार किया जा सकता है. सेक्शन 80सी के तहत कटौती की राशि अब से पहले 2014-15 में बदली गई थी. इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपये है, जो कि काफी कम है. इसमें बदलाव की मांग लंबे समय से हो रही है. इसी तरह स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 50000 रुपये से बढ़ाने की मांग है. सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज की छूट सीमा को 10000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जा सकता है.
4. न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत किसी व्यक्ति को उपलब्ध कटौतियां जैसे हेल्थ इंश्योरेंस पेमेंट की कटौती और एनपीएस के लिए कर्मचारी योगदान को न्यू टैक्स रिजीम में भी बढ़ाया जाना चाहिए. इससे स्वास्थ्य देखभाल तक एक समान पहुंच को बढ़ावा दिया जा सकेगा औा बचत व निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकेगा.
5. होम लोन के ब्याज पर ज्यादा छूट
अभी अपने कब्जे वाली संपत्ति के खिलाफ कटौती का दावा करने की लिमिट 2 लाख रुपये है. फ्लैट की एवरेज कॉस्ट और होम लोन के साइज को देखते हुए इस लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना चाहिए. 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. अब देखना होगा कि वित्त मंत्री सैलरीड क्लॉस की किन उम्मीदों पर खरा उतरती हैं? ऊपर बताए गए उपायों को यदि लागू किया जाता है तो सैलरीड क्लॉस को बड़ी राहत मिल सकती है.