अगर आप कोरोनाकाल में नौकरी जाने से दुखी है या फिर नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ा मौका है.
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नई दिल्लीः अगर आप कोरोनाकाल में नौकरी जाने से दुखी हैं या फिर नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ा मौका है. देश का सबसे बड़ा बैंक SBI जल्द ही बंपर भर्तियां निकालने जा रहा है, जिसमें 14 हजार के करीब लोगों को बैंक में नौकरी मिलने का सपना पूरा हो जाएगा.
2.50 लाख लोगों का है स्टाफ
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि फिलहाल उसके पास करीब 2.50 लाख लोगों का स्टाफ है और इस साल 14,000 भर्तियां होंगी. ये भर्तियां करीब-करीब हर पद के लिए होंगी. बैंक जल्द ही इन भर्तियों के लिए आवेदन मंगाने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए विज्ञापन जारी करेगा.
30 हजार कर्मचारी लेंगे वीआरएस योजना का लाभ
बैंक के लगभग 30,190 कर्मचारी इस योजना के पात्र हैं. अभी (मार्च 2020 तक) एसबीआई में कर्मचारियों की कुल संख्या 2.49 लाख है, जो साल भर पहले 2.57 लाख थी. सूत्रों के अनुसार, बैंक ने वीआरएस योजना का मसौदा तैयार कर लिया है और निदेशक मंडल की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है. प्रस्तावित योजना ‘दूसरी पारी टैप वीआरएस- 2020’ का लक्ष्य बैंक की लागत में कमी लाना और मानव संसाधन का अधिकतम इस्तेमाल करना है. यह योजना हर वैसे स्थायी कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने बैंक के साथ काम करते हुए 25 साल बिता दिए हैं या जिनकी उम्र 55 साल है.
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बैंक में कार्यरत 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी होंगे योजना के पात्र
योजना एक दिसंबर को खुलेगी और फरवरी तक उपलब्ध रहेगी. उसके बाद वीआरएस आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे. प्रस्तावित पात्रता शर्तों के अनुसार, बैंक में कार्यरत 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी योजना के पात्र होंगे. बैंक ने कहा कि अनुमानित पात्र लोगों में से यदि 30 प्रतिशत ने योजना का चयन किया तो जुलाई 2020 के वेतन के हिसाब से बैंक को 1,662.86 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत होगी.
कर्मियों को मिलेंगे ये ढेरों लाभ
योजना चुनने वाले कर्मियों को बचे कार्यकाल का 50 प्रतिशत अथवा पिछले 18 महीने में उन्हें कुल वेतन में से जो कम होगा, उसका एकमुश्त भुगतान किया जायेगा. इसके अलावा उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और चिकित्सा लाभ जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी. हालांकि, बैंक यूनियन प्रस्तावित वीआरएस योजना के पक्ष में नहीं हैं. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि एक ऐसे समय में, जब देश कोविड-19 महामारी की चपेट में है, यह कदम प्रबंधन के मजदूर विरोधी रवैये को दर्शाता है.
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