Share Market: सेबी का फिर चला डंडा, इन लोगों पर लगाया 33 करोड़ रुपये का जुर्माना
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Share Market: सेबी का फिर चला डंडा, इन लोगों पर लगाया 33 करोड़ रुपये का जुर्माना

Stock Market: शेयर बाजार की गतिविधियों पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) नजर बनाए रखता है. अब सेबी की ओर से एक बड़ा एक्शन लिया गया है. इस एक्शन के तहत सेबी की ओर से कुछ लोगों पर जुर्माना लगाया गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

Share Market: सेबी का फिर चला डंडा, इन लोगों पर लगाया 33 करोड़ रुपये का जुर्माना

SEBI News: शेयर बाजार में कई बार लोग गलत गतिविधि में भी लिप्त पाए जाते हैं. इन गलत गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सेबी नजर बनाए रखता है. शेयर बाजार की गतिविधियों पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) काफी नजदीकी से मॉनिटरिंग करती है. वहीं कुछ भी गलत गतिविधि पर सेबी की ओर से एक्शन भी लिया जाता है. अब सेबी ने एक बार फिर से एक्शन लिया है और करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना लगाने वाली लिस्ट में कई लोगों का नाम है, जिनको जुर्माना चुकाना होगा. आइए जानते हैं इसके बारे में...

सेबी ने लगाया जुर्माना

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नियामकीय मानकों का उल्लंघन करने पर शेयरप्रो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों समेत 13 लोगों पर जुर्माना लगाया है. इसके तहत इन लोगों को करोड़ों रुपया जुर्माने का चुकाना होगा. इन पर कुल 33 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. बाजार नियामक सेबी ने इन लोगों पर एक लाख रुपये से लेकर 15 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया है.

इन लोगों पर लगा जुर्माना

इनमें शेयरप्रो की उपाध्यक्ष इंदिरा करकेरा पर 15.08 करोड़ रुपये और कंपनी के प्रबंध निदेशक गोविंद राज राव पर 5.16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इनके अलावा सेबी ने बलराम मुखर्जी, प्रदीप राठौड़, श्रीकांत भलकिया, अनिल जाठान, चेतन शाह, सुजीत कुमार अमरनाथ गुप्ता, भवानी जाठान, आनंद एस भलकिया, दयानंद जाठान, मोहित करकेरा और राजेश भगत पर भी जुर्माना लगाया गया है.

धोखाधड़ी आई सामने

सेबी ने अपने 200 पेज के आदेश में कहा कि धोखाधड़ी में वास्तविक शेयरधारकों की कम-से-कम 60.45 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों (अक्टूबर 2016 में संबंधित शेयर के मूल्य के आधार पर) और 1.41 करोड़ रुपये के डिविडेंड का दुरुपयोग किया गया था. इसके अलावा धोखाधड़ी में वास्तविक शेयरधारकों की कुछ गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों का भी दुरुपयोग किया गया था. (इनपुट: भाषा)

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