Shark Tank India: भाई तेरा कॉन्फिडेंस तो सॉलिड है...सिर्फ ₹1250 की डील लेकर शार्क टैंक पहुंचे पिचर्स ने जीता शार्क्स का दिल
Advertisement
trendingNow12172859

Shark Tank India: भाई तेरा कॉन्फिडेंस तो सॉलिड है...सिर्फ ₹1250 की डील लेकर शार्क टैंक पहुंचे पिचर्स ने जीता शार्क्स का दिल

  Shark Tank India Season 3:  धरक्षा ईको-सॉल्यूशन्स कंपनी के फाउंडर शो में पहुंचे तो उन्होंने शार्क्स से सिर्फ 1250 रुपये का निवेश मांगा.  अर्पित धूपर और आनंद बोध ने शार्क्स से अपनी कंपनी के 1 फीसदी इक्विटी के बदले 1250 रुपये का निवेश मांगा.

shark tank india

Shark Tank India:  शार्क टैंक इंडिया शो में अलग-अलग तरह के पिचर्स पहुंचते हैं. कोई निवेश के लिए शो में पहुंचता है तो कोई शार्क्स से उनका अनुभव सीखने तो कोई शो के जरिए अपना प्रमोशन करने.  शार्क टैंक में पहुंचे स्टार्टअप्स के फाउंडर अपनी कंपनी की हाई वैल्यूएशन लगाकार ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट लेने की कोशिश करते हैं. लेकिन जब धरक्षा ईको-सॉल्यूशन्स कंपनी के फाउंडर शो में पहुंचे तो उन्होंने शार्क्स से सिर्फ 1250 रुपये का निवेश मांगा. धरक्षा के फाउंडर्स अर्पित धूपर और आनंद बोध ने शार्क्स से अपनी कंपनी के 1 फीसदी इक्विटी के बदले सिर्फ 1250 रुपये का निवेश मांगा. ये सुनकर सारे शार्क्स दंग रह गए. आगे बढ़े उससे पहले इस कंपनी के बारे में जान लेते हैं.

क्या करती है कंपनी  

धरक्षा ईको-सॉल्यूशन्स ( Dharaksha Ecosolutions ) एक स्टार्टअप कंपनी है, जो पराली से होने वाले प्रदूषण की समस्या को कम करने के साथ-साथ पराली से कई इनोवेटिव प्रोडक्ट तैयार करती है.  31 साल के अर्पित ने आईआईटी दिल्ली से डिजाइन ऑफ मशीन एलिमेंट की डिग्री हासिल करने के बाद अपने दोस्त के साथ मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की.इसे बनाने में दोनों को करीब 2 साल लगे. लंबे रिसर्च के बाद नवंबर 2020 में धरक्षा ईको-सॉल्यूशन्स खड़ी हो गई.  
  
1250 रुपये का निवेश और 100 घंटे

शार्क टैंक में पहुंचे अर्पित और आनंद ने शार्क्स के सामने अपना ऑफर रखा. उन्होंने कंपनी के 1 फीसदी इक्विटी के बदले 1250 रुपये की मांग की. ये ऑफर सुनकर शार्क्स दंग रह गए. उन्होंने शार्क्स के 100 घंटे मांगे. अपनी 4 करोड़ की कंपनी को और बड़ा बनाने के लिए उन्होंने शार्क्स से 100 घंटे की डिमांड की. शार्क्स उनके बिजनेस मॉडल से काफी इंप्रेस हुए. पांचों शार्क्स ने उन्हें अगले तीन महीने में कुल 10 घंटे देने का वादा किया. वहीं अगर उनके सारे क्लेम सही पाए जाते हैं तो उनकी डिमांड के बाकी घंटे भी उन्हें दिए जाएंगे.  शार्क ने उनके काम और पर्यावरण को लेकर जागरुकता के लिए उनकी तारीफ की. बोट के को फाउंडर अमन गुप्ता ने दोनों फाउंडर के कॉन्फिडेंस की तारीफ की.  फाउंडर का कॉन्फिडेंस देखकर बोट के को फाउंडर अमन गुप्ता ने तारीफों के पुल बांध दिए. उन्होंने कहा कि 'अब तक 200 पिच देख चुका है, तेरे जैसा बंदा नहीं देखा...भाई तेरा कॉन्फिडेंस तो सॉलिड है, क्या बंदा है यार तू, मैंने ऐसे बंदे नहीं देखे.'

 

Trending news