अब सिगरेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स पर पाकिस्तान लगाएगा 'पाप कर', भरेगा खाली खजाना
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अब सिगरेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स पर पाकिस्तान लगाएगा 'पाप कर', भरेगा खाली खजाना

पाकिस्तान की खस्ता हालत किसी से छुपी नहीं है. इमरान सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के चौतरफा हाथ-पांव मार रही है. 

पाकिस्तान की सरकार फिलहाल स्वास्थ्य पर जीडीपी का केवल 0.6 फीसदी ही खर्च करती है.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की खस्ता हालत किसी से छुपी नहीं है. पाकिस्तानी रुपया रसातल में पहुंच गया है. इमरान खान सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के चौतरफा हाथ-पांव मार रही है. अपना स्वास्थ्य बजट बढ़ाने के लिए इमरान सरकार ने अब सिगरेट और मीठे पेयों पर जल्द ही 'पाप कर' लगाने का फैसला किया है. देश के स्वास्थ्य मंत्री अमीर महमूद कियानी ने मंगलवार को जन स्वास्थ्य सम्मेलन में यह जानकारी दी.

स्वास्थ्य बजट बढ़ाने के लिए उठाया कदम
कियानी कहा कि उनकी पीटीआई सरकार देश के जीडीपी के 5 फीसदी वाला स्वास्थ्य बजट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए उसे आमदनी बढ़ानी होगी. सरकार कई तरह के उपायों का इस्तेमाल करेगी. इनमें से एक तरीका तंबाकू उत्पादों और मीठे पेयों पर गुनाह कर लगा दिया जाए. इससे जो आमदनी होगी उसे स्वास्थ्य बजट में शामिल कर दिया जाएगा. 

जीडीपी का केवल 0.6 फीसदी
फिलहाल सरकार स्वास्थ्य पर जीडीपी का केवल 0.6 फीसदी ही खर्च करती है. मीडिया रिपोर्टो कई बार कहा जा चुका है कि गुनाह टैक्स ऐसे उत्पादों पर लगाया जाएगा जिनसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं. एनएचएस मंत्रालय के महानिदेशक डा. असद हफीज ने बताया, "विश्व के करीब 45 देशों में इस तरह का कर लगाया जाता है. यह टैक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है और खास तौर पर हानिकारक पदार्थों जैसे तंबाकू, शीतल पेय, फास्ट फूड, कॉफी और शुगर पर लगाया जाता है." 

एक प्रश्न के जवाब में, डॉ. हफीज ने कहा कि भारत, गुटखा और पान मसाला पर गुनाह टैक्स लगाता है और इससे एकत्र कर को स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च करता है क्योंकि इन्हीं उत्पादों के चलते बीमारियां होती है और सरकार पर भारी खर्च आता है.  

उन्होंने कहा, "हालांकि, हमने अभी तक तय नहीं किया कि गुनाह टैक्स कितना लगाया जाएगा. लेकिन नए टैक्स से सिगरेट की कीमतें बढ़्‌ जाएंगी. लोग इसे आसानी से नहीं खरीद सकेंगे. खास करके युवा. पाकिस्तान में करीब 1,500 युवा हर दिन धूम्रपान करते हैं और हम इस संख्या को कम करना चाहते हैं." 

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