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नई दिल्ली: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Tech giants) के शक्तिशाली सीईओ (Powerful CEO) में से एक सुंदर पिचाई (Google CEO Sundar Pichai) भी भावुक होते दिखे. कोरोना काल में भारत के हालातों को देख कर सुंदर पिचाई की आंखें नम हो गई. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद इसका खुलासा करते हुए कहा कि जो कुछ हुआ उससे हम सब निराश हुए, अपनों को करीब से खोने का दर्द महसूस किया. हर किसी की आंखें आंसुओं से भरी थीं. उस वक्त सुंदर पिचाई भी खुद को रोक नहीं पाएं और भावुक हो गए.
कोविड -19 महामारी (Covid 19 pandemic) ने पिछले डेढ़ सालों में दुनिया भर के 40 लाख से अधिक लोगों को मौत में मुंह में डाल दिया. इसने दुनिया के हर कोने को प्रभावित किया है. बड़े से बड़े अमीर भी इस वायरस के सामने बेबस दिखे. Google और अल्फाबेट के सीईओ, सुंदर पिचाई को भी महामारी ने भावनात्मक रूप से काफी प्रभावित किया है. बीबीसी को दिये इंटरव्यू में पिचाई ने फ्री और ओपन इंटरनेट के लिए खतरे समेत AI को लेकर बातें की. इस दौरान उन्होंने भारत के प्रति अपने प्रेम और सम्मान की बात भी कही.
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बीबीसी के इस सवाल कि आप आखिरी बार कब रोए थे? पर पिचाई ने कहा, 'कोविड के दौरान दुनिया भर में मुर्दाघर के बाहर ट्रकों की लाइन देखकर मैं अपने आप को रोक नहीं पाया. वहीं, पिछले एक महीने में भारत में क्या कुछ हुआ, इससे मैं काफी प्रभावित हुआ. वो कहते हैं, भारत में अप्रैल के मध्य से मई के महीने में कोरोना की घातक दूसरी लहर देखी गई, जिसमें हजारों लोग मारे गए और इंटरनेट पर गंगा नदी में शवों की तैरतीं तस्वीरें देख मैं खुद को रोक नहीं पाया और इमोशनली टूट गया.
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने (Google CEO Sundar Pichai) ने कहा, 'भले ही अब मैं अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन मेरे दिल में भारत बसता है.' आपको बता दें कि 49 साल के सुंदर का जन्म तमिलनाडु में हुआ लेकिन चेन्नई में पढ़ाई की.
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में बताते हुए पिचाई ने कहा कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सबसे ताकतवर टेक्नोलॉजी के रूप में देखते हैं, जिसे इंसान विकसित करेगा और उस पर काम करेगा. वो कहते हैं, 'जब मैं छोटा था, तकनीक के हर नए पहलूओं को सीखता था और उसे बढ़ाने के नए अवसर के बारे में सोचता था, लेकिन उसके लिए मुझे कहीं इंतजार करना पड़ता था. आज भारत में लोगों को आपके पास टेक्नोलॉजी के आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. प्रौद्योगिकियों की एक पूरी नई पीढ़ी पहले भारत में तैयार हो रही है.'
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