Adani Group Case: सेबी ने जांच के लिए छह महीने का समय बढ़ाये जाने की मांग की थी. पूरे मामले पर ताजा अपडेट यह आया है कि सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने कहा कि सेबी (SEBI) को ज्यादा अधिकार देने की आवश्यकता नहीं है. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि सेबी की प्रवर्तन नीति को और बेहतर बनाने की जरूरत है.
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Adani-Hindenburg Case: अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई हुई. इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सेबी का पक्ष सुनने के बाद जांच के लिए 14 अगस्त तक का समय दे दिया है. इससे पहले सेबी ने जांच के लिए छह महीने का समय बढ़ाये जाने की मांग की थी. पूरे मामले पर ताजा अपडेट यह आया है कि सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने कहा कि सेबी (SEBI) को ज्यादा अधिकार देने की आवश्यकता नहीं है. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि सेबी की प्रवर्तन नीति को और बेहतर बनाने की जरूरत है.
संदिग्ध ट्रेडिंग के मामले देखने को मिले
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले ग्रुप कंपनी में संदिग्ध ट्रेडिंग के मामले देखने को मिले थे. आपको बता दें 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयर में तेजी से गिरावट देखी गई थी. उस समय अडानी ग्रुप के शेयर लेने वाले निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ था. इसके बाद AM Sapre की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी का गठन हुआ था.
सेबी ने जांच के लिए छह महीने का समय मांगा था
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 15 मई को सुनवाई के दौरान सेबी ने जांच के लिए छह महीने और दिये जाने की मांग की थी. लेकिन इस पर 17 मई को सुनवाई करते हुए अदालत ने सेबी की जांच का समय तीन महीने बढ़ाया था. अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अब अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस पारदीवाला की बेंच कर रही है.
आपको बता दें इस पूरे मामले में शीर्ष अदालत ने 2 मार्च को सेबी को निर्देश दिया था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करे. 14 मई को अदालत में दाखिल किए गए हलफनामे में सेबी की तरफ से कहा गया कि यह आरोप निराधार है कि सेबी 2016 से अडानी की कंपनियों की जांच कर रही है. सेबी ने साफ किया कि 2016 के बाद ग्रुप की किसी कंपनी की जांच नहीं की.