Black Money: संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए काला धन का सवाल पूछा, जिस पर सरकार ने जवाब दिया कि उसके पास ये अनुमान नहीं है कि बीते 10 सालों में कितना काला धन स्विस बैंकों में जमा हुआ.
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नई दिल्ली: Black Money: लंबे समय बाद एक बार काले धन का मुद्दा संसद में उठा है. कांग्रेस सांसद विंसेंट एच पाला ने संसद में सरकार से पूछा कि क्या सरकार ये बताएगी कि बीते 10 सालों में स्विस बैंकों में कितना काला धन जमा हुआ है. सरकार ने विदेशों से काला धन वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए हैं. कितने लोगों की गिरफ्तार हुई है और कितने लोगों पर चार्जशीट दाखिल की गई है. और कितना काला धन भारत आने वाला है और ये किससे और कहां से आएगा.
विपक्ष के इस सवाल का जवाब वित्त राज्य मंत्री की ओर से दिया गया. उन्होंने बताया कि बीते 10 सालों में स्विस बैंक में कितना काला धन जमा हुआ इसका कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. हालांकि सरकार ने काला धन वापस लाने के लिए काफी कोशिशें की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल के वर्षों में विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
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सरकार ‘The Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) and Imposition of Tax Act, 2015’ लेकर आई, जिसे 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया. ये कानून विदेशों में जमा धन मामलों को लेकर प्रभावशाली तरीके निपटता है. काले धन पर स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) का गठन किया. जिसे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज होते हैं. दूसरी सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट्स (DTAA)/टैक्स इंफॉर्मेशन एक्सचेंज एग्रीमेंट्स के तहत जानकारियों को साझा कर रहे हैं. इसके अलावा अमेरिका के साथ भी करार किया है. अमेरिका के साथ फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट के तहत इंफॉर्मेशन शेयर एग्रीममेंट किया गया है.
सरकार ने बताया कि 107 ब्लैक मनी एक्ट के तहत 107 शिकायतें दर्ज हुईं हैं. ब्लैक मनी एक्ट के सेक्शन section 10(3)/10(4) के तहत 31 मई 2021 तक 166 मामलों में असेसमेंट ऑर्डर जारी हुए हैं, जिसमें 8216 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. इसके अलावा HSBC केस में करीब 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित आय पर टैक्स और पेनल्टी लगाई गई है. जो कि 1294 करोड़ रुपये है. ICIJ (International Consortium of Investigative Journalists) केस में 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है. पनामा पेपर लीक मामले में 20,078 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है और पैराडाइज पेपर लीक केस में 246 करोड़ रुपये की अघोषित रकम का पता चला है.
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