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Who is Vinod Adani: अटकलों पर विराम लगाते हुए अडानी समूह ने पुष्टि की है कि विनोद अडानी दुबई में रहने वाले गौतम अडानी के भाई हैं. विनोद अडानी एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स के मालिक हैं. अडानी समूह ने एक चैनल को बताया कि एंडेवर ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड उनका ही है जिसने एसीसी लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया.
अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि इस बात का खुलासा उनके द्वारा सार्वजनिक पेश किए गए दस्तावेज में किया गया था. फोर्ब्स ने पिछले महीने रिपोर्ट दी थी कि विनोद अडानी ने पिछले साल सितंबर में सीमेंट बनाने वाली कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में स्विस फर्म होल्सिम की हिस्सेदारी के 6.5 अरब डॉलर के समूह के अधिग्रहण में भाग लिया था.
इसमें आगे कहा गया कि विनोद अडानी नियंत्रित मॉरीशस स्थित कंपनी एंडेवर ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड ने अंबुजा में 63% हिस्सेदारी और एसीसी में 57% हिस्सेदारी खरीदी. जनवरी 2023 में समूह ने कहा था कि विनोद अडानी सहायक कंपनी में कोई प्रबंधकीय पद नहीं रखते हैं.
कौन हैं विनोद अडानी?
2022 में हुरुन इंडिया रिच ने उन्हें सबसे अमीर अनिवासी भारतीय के रूप में लिस्ट किया था. उन्हें दुनिया का छठा सबसे अमीर भारतीय कहा गया था. इसमें उद्योगपति की कुल संपत्ति 1,69,000 करोड़ रुपये (20.42 अरब डॉलर) आंकी गई थी.
वह गौतम अडानी के बड़े भाई हैं. वह 1994 से दुबई में रह रहे हैं. लिस्ट में दावा किया गया है कि विनोद अडानी की संपत्ति 2017 से 9.5 गुना बढ़ी है. उनकी एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर में रुचि है.
रिपोर्ट के अनुसार, विनोद अडानी 2018 में 49वें स्थान से 2022 में छठे स्थान पर आ गए. हुरून की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने 2021 से प्रति दिन 102 करोड़ रुपये की दर से संपत्ति अर्जित की है. विनोद अडानी 94 एनआरआई की लिस्ट में सबसे अमीर थे.
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1976 में मुंबई में की थी. पावर लूम से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं में निवेश करने के लिए सिंगापुर में एक कार्यालय खोला. वह व्यापार के सिलसिले में सबसे पहले सिंगापुर गए. फिर वह दुबई में बस गए. विनोद अडानी ने चीनी, तेल, तांबा, एल्युमीनियम आदि का व्यापार शुरू किया.
वह दुबई, सिंगापुर और जकार्ता में व्यापारिक व्यवसायों का प्रबंधन करते हैं. 2021 में लिस्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति में 37,400 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ. इसका मतलब है कि उनकी नेटवर्थ में हर दिन 102 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ. अमेरिकी लघु-विक्रेता हिंडनबर्ग ने एक विस्फोटक रिपोर्ट में लिखा था कि अडानी समूह के शेयरों की कीमतों में हेर-फेर में शामिल था. अडानी ग्रुप ने आरोपों को खारिज किया था. रिपोर्ट की वजह से अडानी को शेयर वैल्यू में 90 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)