WPI: खुदरा महंगाई दर के बाद देशवासियों को थोक महंगाई दर में भी राहत मिली है. अगर आने वाले महीनों में भी यह गिरावट इसी तरह जारी रहती है तो आरबीआई की तरफ से ब्याज दर को कम किया जा सकता है.
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Inflation Rate in July: देशवासियों को खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. दो दिन पहले आए आंकड़े में खुदरा महंगाई दर घटकर 59 महीने के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई. अब देश की थोक महंगाई दर जुलाई में घटकर 2.04 प्रतिशत पर रह गई. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर जून में 3.36 प्रतिशत थी. उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने ऑफिशियल अकाउंट पर लिखा, ‘डब्ल्यूपीआई बेस्ड महंगाई की सालाना दर जुलाई 2024 में 2.04 प्रतिशत रही, जबकि जून 2024 में यह 3.36 प्रतिशत थी.’
बिजली महंगाई की सालाना दर 1.72 प्रतिशत पर
थोक मूल्य सूचकांक के प्राथमिक उत्पादों की महंगाई की सालाना दर जुलाई 2024 में 3.08 प्रतिशत रही, जून 2024 में यह 8.80 प्रतिशत थी. ईंधन और बिजली महंगाई की सालाना दर बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई, जो जून 2024 में 1.03 प्रतिशत थी. डीपीआईआईटी के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक के निर्मित उत्पाद की महंगाई की सालाना दर जून 2024 में 1.43 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2024 में 1.58 प्रतिशत हो गई.
खुदरा महंगाई दर पांच साल के निचले स्तर पर
थोक मूल्य सूचकांक में जुलाई में गिरावट इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप रही. इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा महंगाई दर पांच साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है. आरबीआई (RBI) ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
रेपो रेट में आएगी गिरावट?
इकोनॉमिस्ट का कहना है कि जुलाई-सितंबर 2024 के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के 4.4 प्रतिशत महंगाई दर की पूर्वानुमान की तुलना में तेज गिरावट आने की संभावना है. महंगाई दर में गिरावट इसी तरह अगले महीने भी जारी रहती है तो अक्टूबर में होनी वाली एमपीसी में आरबीआई की तरफ से रेपो रेट को लेकर नरम रुख अपनाया जा सकता है. पिछले डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर कायम है. इसमें आखिरी बार फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था.