अक्टूबर 2020 में WPI आठ महीने के उच्च स्तर पर थी क्योंकि विनिर्मित उत्पाद महंगा हो गया. खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण नवंबर 2019 WPI 0.58 फीसदी थी.
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नई दिल्लीः मैन्युफैक्चरिंग गुड्स के महंगा होने के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (Wholesale Price Inflation) नवंबर में 1.55 फीसदी बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई है. नवबंर में थोक महंगाई दर फरवरी के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 2.26 फीसदी थी. इस एक महीने की अवधि में फूड आइटम्स की कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई, हालांकि मैन्युफैक्चर्ड गुड्स की कीमतें तेजी से बढ़ीं.
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खाद्य महंगाई दर में कमी
खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 फीसदी बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 फीसदी था. इस दौरान सब्जियों और आलू की कीमतों में तेजी जारी रही. नॉन फूड आइटम की महंगाई दर भी 8.43 फीसदी के उच्च स्तर पर बनी रही. इस दौरान ईंधन और बिजली की महंगाई दर माइनस 9.87 फीसदी रही थी.
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