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RBI Gold Purchase: सोने में निवेश हमेशा से सुरक्षित और भरोसेमंद माना गया है. सोने के प्रति भारतीयों की दिवानगी किसी से छिपी नहीं है. भारतीय महिलाओं के पास इतना सोना है कि कई देश मिलकर भी उसकी बराबरी नहीं कर सकते हैं. दुनिया के कुल गोल्ड रिजर्व का 11 फीसदी अकेले भारतीय महिलाओं के पास है. सिर्फ महिलाएं ही नहीं भारतीय रिजर्व बैंक सोने ने भी सोने की खरीदारी बढ़ा दी है. आरबीआई ने नवंबर 2024 में 8 टन सोना खरीदकर नया रिकॉर्ड बनाया है.
चीन को दी मात
नवंबर 2024 में भारत ने 8 टन सोना खरीदा, जबकि पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने छह महीने के अंतराल के बाद नवंबर में 5 टन सोना खरीदा. जहां साल 2024 में उसकी कुल खरीद बढ़कर 34 टन हो गई. तो वहीं भारत ने नंवबर में 8 टन सोना खरीदा और साल 2024 में उसकी कुल खरीदारी करीब 73 टन के पास पहुंच गई, यानी चीन से दोगुने से भी ज्यादा. हालांकि गोल्ड रिजर्व के मामले में चीन हमसे आगे हैं. चीन के केंद्रीय बैंक के पास कुल 2,264 टन सोने का भंडार है. जबकि भारत का कुल स्वर्ण भंडार 876 टन तक पहुंच गया. भारत का स्वर्ण भंडार इस समय औसत से कई गुणा अधिक है.
आरबीआई क्यों खरीद रहा है सोना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद जारी रखी है. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी चुनाव के बाद नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट ने कुछ केंद्रीय बैंकों को कीमती धातु जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया. आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना खरीद रहा है.
क्यों जरूरी है सोना
सोना रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है. आरबीआई ने पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार होने का अपना स्थान बनाए रखा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने भंडार में पांच टन सोना जोड़कर छह महीने के गैप के बाद सोने की खरीद फिर से शुरू की है और सालाना आधार पर शुद्ध खरीद को बढ़ाकर 34 टन कर दिया है। इसी के साथ, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने कुल सोने के भंडार को 2,264 टन (कुल भंडार का 5 प्रतिशत) कर दिया है.
इस बीच, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण ( एमएएस ) महीने का सबसे बड़ा विक्रेता था, जिसने अपने सोने के भंडार को 5 टन कम कर दिया, जिससे सालाना आधार पर शुद्ध बिक्री 7 टन और कुल सोने की होल्डिंग 223 टन हो गई. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई की सोने की खरीद 2023 की इसी अवधि में खरीदी गई कीमती धातु की मात्रा से पांच गुना बढ़ गई है. आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई का कुल स्वर्ण भंडार अब 890 टन हो गया है, जिसमें से 510 टन भारत में है.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, महीने के दौरान सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में पोलैंड के 21 टन और उज्बेकिस्तान के नौ टन शामिल हैं. केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की इन बड़ी खरीदों से वैश्विक बाजार में कीमती धातु की कीमतों में भी तेजी आई है. आरबीआई के आधे से अधिक स्वर्ण भंडार विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित हिरासत में रखे गए हैं, जबकि लगभग एक तिहाई नागपुर और मुंबई में आरबीआई के वॉल्ट में संग्रहीत हैं. रिजर्व बैंक ने यूनाइटेड किंगडम में बैंक वॉल्ट में रखे अपने 100 मीट्रिक टन सोने को 2024 में भारत में अपने वॉल्ट में शिफ्ट कर दिया क्योंकि देश में पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता थी. स्वर्ण भंडार को शिफ्ट करने से ब्रिटेन में वॉल्ट के इस्तेमाल के लिए भुगतान किए जाने वाले उच्च शुल्क में बचत होने की उम्मीद है. आईएएनएस