Windfall Tax Cuts: सरकार ने लगातार तीसरी बार विंडफॉल टैक्स में कटौती (Windfall tax cuts) का ऐलान किया है. बता दें विंडफॉल टैक्स के कम होने या फिर बढ़ने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कोई भी असर नहीं पड़ता है.
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Windfall Tax: केंद्र सरकार (Central Government) ने एक बार फिर से विंडफॉल टैक्स में कटौती कर दी है. एक तरफ जहां कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है. वहीं, सरकार ने लगातार तीसरी बार विंडफॉल टैक्स में कटौती (Windfall tax cuts) का ऐलान किया है. ये टैक्स स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) के रूप में लिया जाता है. बता दें नई दरें आज से लागू हो जाएंगी.
आपको बता दें विंडफॉल टैक्स के कम होने या फिर बढ़ने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कोई भी असर नहीं पड़ता है. इस टैक्स के घटने-बढ़ने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रहती हैं. विंडफॉल टैक्स निर्यात किए जाने वाले पेट्रोल और डीजल पर लगया जाता है.
5000 से घटाकर 1300 रुपये प्रति टन किया
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर लगने वाले टैक्स को लेकर मीटिंग की गई थी, जिसके बाद में सरकार ने कच्चे तेल और डीजल पर विंडफॉल टैक्स घटाने का फैसला लिया. कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 5000 रुपये प्रति टन से घटाकर 1300 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. इसमें सरकार की तरफ से सीधे 3700 रुपये प्रति टन की राहत दी गई है.
डीजल पर कितना घटा टैक्स?
सरकार की तरफ से अधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई है. इसके अलावा अगर डीजल की बात की जाए तो इस पर एक्साइज ड्यूटी को 1 रुपये प्रति टन से घटाकर 50 पैसे प्रति टन करने का फैसला लिया गया है. वहीं, एटीएफ पर लगने वाले टैक्स को 0 से बढ़ाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. वहीं, पेट्रोल पर SAED शून्य ही रहेगी.
नवंबर और दिसंबर में पहले भी कम किया था टैक्स
इससे पहले सरकार ने 1 दिसंबर को विंडफॉल टैक्स में कटौती की थी. उस समय कच्चे तेल पर टैक्स को 6,300 रुपये प्रतिटन से घटाकर 5,000 रुपये प्रतिटन कर दिया गया था. वहीं, 16 नवंबर को 9,800 रुपये प्रति टन से 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया था.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
बता दें जब भी सरकारी तेल कंपनियों को अप्रत्याशित मुनाफा होता है तो उस पर सरकार की तरफ से अतिरिक्त टैक्स लगाया जाता है. इसको ही विंडफॉल टैक्स कहा जाता है. विंडफॉल टैक्स को कंपनियों और इंडस्ट्री पर लगाया जाता है. यह आम जनता पर नहीं लगाया जाता है. सरकार ने पहली बार यह टैक्स 1 जुलाई 2022 को लगाया था.