विप्रो चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने हिस्सेदारी बेचने की खबरों को नकारा
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विप्रो चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने हिस्सेदारी बेचने की खबरों को नकारा

विप्रो लि. के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने मंगलवार (6 जून) को इन मीडिया खबरों का खंडन किया है कि आईटी कंपनी के प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी बिक्री की संभावनाएं तलाश रहे हैं. प्रेमजी ने कहा कि प्रवर्तक विप्रो के प्रति प्रतिबद्ध हैं. विप्रो के कर्मचारियों को पत्र में प्रेमजी ने इस बारे में प्रकाशित खबर को आधारहीन तथा किसी मंशा से प्रेरित करार दिया है.

विप्रो लि. के चेयरमैन अजीम प्रेमजी की फाइल फोटो.

बेंगलुरु: विप्रो लि. के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने मंगलवार (6 जून) को इन मीडिया खबरों का खंडन किया है कि आईटी कंपनी के प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी बिक्री की संभावनाएं तलाश रहे हैं. प्रेमजी ने कहा कि प्रवर्तक विप्रो के प्रति प्रतिबद्ध हैं. विप्रो के कर्मचारियों को पत्र में प्रेमजी ने इस बारे में प्रकाशित खबर को आधारहीन तथा किसी मंशा से प्रेरित करार दिया है.

एक समाचार वेबसाइट ने सोमवार (5 जून) को बैंकिंग सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रकाशित की थी कि देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी के प्रवर्तक कंपनी या इसकी कुछ इकाइयों की बिक्री के लिए आकलन के शुरुआती चरण में हैं. यहां तक कि उन्होंने कुछ निवेश बैंकों से भी संपर्क किया है.

कंपनी के कर्मचारियों को सोमवार (5 जून) रात भेजे पत्र में प्रेमजी ने कहा कि वह आईटी उद्योग और विप्रो की संभावनाओं को लेकर अभी काफी रोमांचित हैं. उन्होंने कहा, ‘पिछले 50 साल के दौरान मैंने विप्रो को वनस्पति तेल की क्षेत्रीय कंपनी से प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वैश्विक कंपनी बनते देखा. मैं विप्रो और आईटी उद्योग की संभावनाओं को लेकर काफी रोमांचित हूं. विप्रो में कंपनी के भीतर अपने ग्राहकों को सफल बनाने के लिए काफी ऊर्जा है और इसी से विप्रो भी सफल होगी.' प्रेमजी और उनके परिवार के पास कंपनी के 73.25 प्रतिशत शेयर हैं.

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