Job: याहू का नाम उन कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने इंटरनेट के शुरुआती दौर में अपनी जगह बनाई थी. अब याहू अनिश्चित वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच खर्चों में कटौती करने के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. ब्लूमबर्ग के अनुसार कंपनी लगभग 1,000 लोगों की छंटनी करेगी.
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Yahoo: इन दिनों कई कंपनियां छंटनी कर रही है. मंदी की आहट के बीच कई लोगों की नौकरियां अब तक जा चुकी है. वहीं छंटनी करने वालों में कई बड़ी और मल्टीनेशनल कंपनियां भी शामिल है. अब इस कंपनी में एक और कंपनी का नाम जुड़ने वाला है और इस कंपनी का नाम Yahoo है. Yahoo भी अब छंटनी करने वाली कंपनियों की कतार में शामिल होने वाली कंपनी है.
याहू
याहू का नाम उन कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने इंटरनेट के शुरुआती दौर में अपनी जगह बनाई थी. अब याहू अनिश्चित वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच खर्चों में कटौती करने के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. ब्लूमबर्ग के अनुसार कंपनी लगभग 1,000 लोगों की छंटनी करेगी, जो कि इसके कार्यबल का लगभग 12 प्रतिशत है. वहीं ऐसी जानकारी सामने आई है कि कंपनी इस सप्ताह तक ईमेल भेज देगी.
छंटनी
कंपनी के एक प्रवक्ता ने यह भी बताया कि अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट के स्वामित्व वाली कंपनी 2023 के अंत तक याहू में व्यावसायिक विज्ञापन तकनीकी इकाई के लिए लगभग 50 प्रतिशत या 20 प्रतिशत से अधिक वर्कफोर्स को कम कर देगी. याहू के सीईओ जिम लैनजोन ने हाल ही में कहा था कि कर्मचारियों को ट्रिम करने का निर्णय याहू की समग्र लाभप्रदता के लिए जबरदस्त फायदेमंद होगा.
नौकरी
वहीं याहू का कहना है कि कंपनी बहुत प्रॉफिटेबल है और नौकरी में कटौती विज्ञापन बाजार में परेशानी की बजाय डिवीजन के पुनर्गठन के कारण हुई है. पुनर्गठन योजना के एक हिस्से के रूप में याहू जेमिनी नामक अपने विज्ञापन प्लेटफॉर्म को बंद कर देगा. दूसरी ओर याहू एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म Taboola को काम आउटसोर्स करेगा, जिसने हाल ही में याहू के साथ साझेदारी की है. कंपनी कथित तौर पर अपने विज्ञापन कारोबार को भी बंद कर देगी, जिसे इसका एसएसपी या सप्लाई-साइड प्लेटफॉर्म कहा जाता है.
जॉब
बता दें कि याहू से पहले भी कई कंपनियों ने हाल ही में छंटनियां की हैं. अधिकांश कंपनियों ने छंटनी के लिए वर्तमान मैक्रोइकॉनॉमिक स्थितियों को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही COVID-19 महामारी के पिछले दो वर्षों में की गई ओवरहायरिंग को भी इसकी वजह माना जा रहा है. विश्लेषकों के हवाले से रिपोर्ट्स बताती हैं कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो और टेक कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी करेंगी.
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