IAS-PCS Preparation: सिविल सेवा की तैयारी करा रहा है महज 11 साल का बच्‍चा, हार्वर्ड ने किया सम्‍मानित
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IAS-PCS Preparation: सिविल सेवा की तैयारी करा रहा है महज 11 साल का बच्‍चा, हार्वर्ड ने किया सम्‍मानित

Civil Service Preparation: 11 साल की उम्र के बच्चे अपनी दुनिया में मस्त रहते हैं. कक्षा 7वीं में  पढ़ने वाले बच्‍चे शायद ही अपने करियर के बारे में सोचते होंगे. लेकिन कानपुर के 11 साल के यशवर्धन सिंह के बारे में पढ़िए जो सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को लगभग 3 साल से पढ़ा रहे हैं. 

 

IAS-PCS Preparation: सिविल सेवा की तैयारी करा रहा है महज 11 साल का बच्‍चा, हार्वर्ड ने किया सम्‍मानित

UPSC-PSC Preparation: भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है. भारत ने अपने भीतर से कई बेशकीमती हीरे दिए हैं. ऐसे ही एक हीरा कानपुर में भी मिला है जो, आईएएस और पीसीएस की क्लासेज देता है. सच में यश की कहानी सभी को प्रेरित करने वाली है. यश को इतिहास विषय में रूचि है. उन्‍हें हार्वर्ड ने नन्‍हें इतिहासकार का अवार्ड भी दिया है. वे सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले लगभग 4000 हजार विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं. 

2019 से करा रहे हैं यूपीएससी पीएससी (UPSC PSC) की तैयारी

यश बताते है कि उन्‍हें पढ़ाने का बहुत शोक है. उन्‍होंने 2019 से ही बच्‍चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था. यानी यशवर्धन चौथी कक्षा में थे तभी से वह सिवल सर्विसेस की तैयारी करा रहे हैं. यश इतिहास विषय में तो रूचि रखते ही हैं. इसके अलावा वह अंतरराष्ट्रीय संबंध और भूगोल भी पढ़ाते हैं.

हार्वर्ड ने किया सम्‍मानित

यशवर्धन इतनी छोटी सी उम्र में बहुत कुछ हासिल कर चुके हैं. इतिहास विषय में मास्‍टरी रखने वाले यश को 1857 की क्रांति से लेकर देश का स्वतंत्रता संग्राम सब कुछ जुबान पर रटा हुआ है. हार्वर्ड ने उन्‍हें नन्‍हें इतिहासकार का अवार्ड भी दिया हुआ है. 

डाक विभाग भी कर चुका है सम्‍मानित

यशवर्धन की प्रतिभा को भारतीय डाक विभाग भी सम्‍मानित कर चुका है. डाक विभाग ने यश के सम्‍मान में डाक टिकट जारी किया था. इसके अलावा नासा ने अपने स्‍पेसक्राफ्ट में यशवर्धन का नाम भी शामिल किया था. 

किसे मानते है अपना आदर्श?

यश भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अपना आदर्श मानते हैं. यश बताते है कि अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो उसके लिए अच्‍छे भारतीय विदेश सेवा अधिकारियों की जरुरत है. यश अभी से जर्मन और रशियन भाषा का ज्ञान अर्जित कर रहे हैं. उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में देश विदेश से कई मेडल ,पुरस्कारऔर प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हो चुके हैं. यश ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली जाकर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी करना चाहते हैं ।

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