ह‍िन्‍दी में MA करने के बाद बना सकते हैं इस क्षेत्र में कर‍ियर, होगी नोटों की बार‍िश
Advertisement
trendingNow12350829

ह‍िन्‍दी में MA करने के बाद बना सकते हैं इस क्षेत्र में कर‍ियर, होगी नोटों की बार‍िश

Career Option after MA in Hindi: आपने ह‍िन्‍दी से एमए यानी पोस्‍ट ग्रेजुएशन कर ल‍िया है और अब ये समझ नहीं आ रहा कि इसके बाद आपके ल‍िए कर‍ियर का कौन सा रास्‍ता सबसे सही हो सकता है. इस लेख में आपको बताया जा रहा है क‍ि ह‍िन्‍दी से पीजी (MA Hindi) करने के बाद प्राइवेट और सरकारी दोनों सेक्‍टर में नौकर‍ियां म‍िल सकती है. आइये जानते हैं...

ह‍िन्‍दी में MA करने के बाद बना सकते हैं इस क्षेत्र में कर‍ियर, होगी नोटों की बार‍िश

Career Tips in Hindi: ह‍िन्‍दी से पोस्‍ट ग्रेजुशन करने वालों को सरकारी और न‍िजी दोनों सेक्‍टर में नौकरी म‍िल सकती है. वो टीच‍िंग और र‍िसर्च इंडसट्री में भी अपना हाथ आजमा सकते हैं. एमए करने के बाद वो हाई स्‍कूल टीचर, सेकेंडरी स्‍कूल टीचर, कंटेंट राइटर, कॉपी राइटर, अस‍िस्‍टेंट एड‍िटर आद‍ि पदों के ल‍िए अप्‍लाई कर सकते हैं. MA हिन्‍दी करने वालों को सामान्‍यत: 2,50,000  से 10,00,000 रुपये प्रत‍ि वर्ष की सैलरी म‍िलती है. इसके अलावा और भी कई कर‍ियर ऑप्‍शन हैं, जैसे क‍ि वो प्रत‍ियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकते हैं. बता दें क‍ि एमए में एडम‍िशन लेने के ल‍िए ग्रेजुएशन 50 फीसदी अंक की जरूरत होती है. 

ह‍िन्‍दी से पोस्‍ट ग्रेजुएशन के बाद कौन सी जॉब म‍िल सकती है | MA Hindi Job Profiles 

ह‍िन्‍दी प्रोफेसर : 
ह‍िन्‍दी में एम करने (MA Graduates of Hindi) के बाद आप स्‍कूलों में टीचर के तौर पर काम कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आपने पीएचडी कर ली तो कॉलेज और यून‍िवर्स‍िटीज में प्रोफेसर की नौकरी म‍िल सकती है.   

हिन्‍दी ट्रांसलेटर : 
ट्रांसलेटर वो व्‍यक्‍त‍ि होता है, जो एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करता है. इस काम में ये चुनौती रहती है क‍ि ट्रांसलेशन के बावजूद वाक्‍यों की मूल भावना बदलनी नहीं चाह‍िए. इसल‍िए ट्रांसलेटर को इसके ल‍िए काफी र‍िसर्च भी करना पडता है. 

हिन्‍दी न्‍यूज रीडर : 
ह‍िन्‍दी से एमए करने के बाद आप न्‍यूज रीडर के रूप में भी अपना कर‍ियर बना सकते हैं. पैनल ड‍िस्‍कशन या ड‍िबेट में ह‍िस्‍सा ले सकते हैं. अगर आप ह‍िन्‍दी अखबार, वबसाइट या न्‍यूज चैनल में काम करना चाहते हैं तो इस‍के ल‍िए आपको जरनल‍िज्‍म की ड‍िग्री भी लेनी होगी. 

ह‍िन्‍दी एड‍िटर : 
समय के साथ अनुभव बढ़ने पर टीवी, अखबार या ऑनलाइन वेबसाइट में आप एड‍िटर का पद हास‍िल कर सकते हैं. 

कॉन्‍टेंट राइटर : 
कॉन्‍टेंट राइटर्स वो होते हैं जो ब‍िजनेस, वेबसाइट या क‍िसी प्रोडक्‍ट के ल‍िए ल‍िखते हैं. ब्‍लॉग, सोशल नेटवर्क, ई-कॉमर्स साइट, एग्रीगेटर और यून‍िवर्स‍िटीज की वेबसाइट में कॉन्‍टेंट राइटर की जरूरत होती है. इसे करने के ल‍िए आपको उस व‍िषय के बारे में अच्‍छी जानकारी होनी चाह‍िए, ज‍िसके बारे में आप ल‍िख रहे हैं.  
 
सिविल सेवा: 
आप भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) जैसी सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं और विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर सकते हैं. 

र‍िसर्च : 
आप हिंदी या संबंधित क्षेत्र में पीएचडी करके और एक र‍िसर्च स्‍कॉलर या एकेडमिक के रूप में काम करके रिसर्च में अपना करियर चुन सकते हैं. 

पब्‍ल‍िकेशन हाउस में काम: 
आप पब्‍ल‍िकेशन हाउस में एड‍िटर, प्रूफरीडर या हिंदी कॉन्‍टेंट से संबंधित अन्य भूमिकाओं में काम कर सकते हैं. 

एडवरटाइजमेंट और मार्केटिंग : 
आप एडवरटाइजमेंट और मार्केट‍िंग इंडस्‍ट्री में काम कर सकते हैं. यहां, कैम्‍पेन, व‍िज्ञापन और प्रमोशन के ल‍िए ह‍िन्‍दी कॉन्‍टेंट की जरूरत होती है. 

कल्‍चरल ऑर्गेनाइजेशन : 
आप कल्‍चरल ऑर्गेनाइजेश , म्‍यूज‍ियम या आर्ट गैलरी में भी काम कर सकते हैं. 

फ्रीलांस का काम : 
आप फ्रीलांस के तौर पर भी अपना कर‍ियर बना सकते हैं. इसमें ट्रांसलेशन से लेकर लैंग्‍वेज कंसल्‍टेंट तक की जॉब होती है, ह‍िन्‍दी के एक्‍सपर्ट की जरूरत होती है. 

Trending news